उत्तरकाशी। Uttarkashi Tunnel Rescue सिलक्यारा सुरंग में पिछले 10 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को एक-एक कर बाहर लाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 15 सदस्यीय टीम को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अंतिम दौर में है बाहर निकालने का प्रयास
आपको बताते चलें, उत्तरकाशी में श्रमिकों को बाहर निकालने का प्रयास अपने अंतिम दौर में है यहां पर पीएमओ के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार में ओएसडी भास्कर खुलबे ने बताया कि हम 12-14 घंटे में मजदूरों तक पहुंचेंगे। जहां पर से फिर उन्हें NDRF की सहायता से बाहर लाने के लिए 2 से 3 घंटे लगेंगे।
18 मीटर की बची खुदाई
आपको बताते चलें, खुदाई को लेकर ओएसडी भास्कर खुलबे ने बताया कि, अभी 18 मीटर की खुदाई बची हुई है। 6-6 मीटर के 3 पाइप अभी भी डाले जाने बाकी है। एक पाइप डालने में करीब 4 घंटे का समय लगेगा। 18 मीटर की खुदाई के बाद ही रेस्क्यू का काम शुरू होगा। पहले 900 मिमी के 4 पाइप डाले गये थे। बाकी 800 मिमी के पाइप डाले गए।
#WATCH उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर DM अभिषेक रूहेला ने बताया, "सभी मशीनें काम कर रही हैं… हम अधिकांश दूरी पूरी कर चुके हैं, थोड़ा काम बचा है। अभी किसी के लिए ये बताना संभव नहीं है कि कार्य पूर्ण होने में कितना समय लगेगा। कई बार नई समस्या आ जाती है। कार्य तेजी से चल रहा है।… pic.twitter.com/cXakQwxN8o
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 23, 2023
जहां पर खुदाई में 45 मीटर का रास्ता क्लियर है। NDRF की टीम 45 मीटर तक अंदर जा चुकी है। इसका मतलब साफ है कि पैसेज क्लियर है। बीते दिन हुई ड्रिलिंग के दौरान आखिरी पाइप डालते समय वेल्डिंग की गैस ज्यादा निकल रही थी। ये गैस मजदूरों तक पहुंच रही थी। जब इसकी जानकारी मिली तो काम तुरंत रोक दिया गया।
#WATCH उत्तराखंड: उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग ढहने के कारण फंसे हुए 41 मजदूरों का बचाव अभियान जारी है। सुरंग स्थल पर चिकित्सा उपकरण पहुंच गए हैं। pic.twitter.com/mBb5HtUBhv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 23, 2023
जवानों ने किया अभ्यास
श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए मलबे को भेदकर 800 मिमी व्यास का स्टील पाइप डालकर रास्ता तैयार किया जा रहा है, जिसका निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है। एनडीआरएफ के ‘सेकंड इन कमांड’ रवि शंकर बधानी ने बताया कि एनडीआरएफ के जवानों ने इसका अभ्यास कर लिया है कि कैसे पाइप के जरिए मलबे के दूसरी ओर जाना है जहां श्रमिक फंसे हुए हैं।
फंसे हुए लोगों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के लिए चिकित्सकों की एक टीम को सुरंग के अंदर तैनात किया गया है जबकि एंबुलेंस बाहर तैयार खड़ी हैं।
रस्सियों से बांधकर श्रमिकों को निकाला जाएगा बाहर
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि योजना के अनुसार, पहिए लगे कम उंचाई के स्ट्रेचर को मलबे के दूसरी ओर ले जाया जाएगा जहां श्रमिक फंसे हुए हैं। ऑक्सीजन किट पहनकर एनडीआरएफ के जवान एक स्ट्रेचर, एक रस्सी और श्रमिकों के लिए ऑक्सीजन किट लेकर पाइप में रेंगते हुए उन तक पहुंचेंगे। अधिकारी ने बताया कि स्ट्रेचर को रस्सियों से दोनों तरफ से बांधा जाएगा और एक-एक कर इन श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा।
श्रमिक के निकलेगी तक रहेगी टीम
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की एक टीम दूसरी तरफ तब तक रहेगी जब तक कि प्रत्येक श्रमिक बाहर नहीं आ जायेगा। सुरंग के बाहर खड़ी 41 एंबुलेंस श्रमिकों को घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर स्थित चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाएंगी जहां उनके लिए 41 बिस्तरों के साथ एक अलग वार्ड बनाया गया है।
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