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Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तराखंड में जहां पर सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर घटना के 16 दिन होने के बाद भी बाहर नहीं निकले है। वहीं पर अब आगे की खुदाई मैनुअली हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग से होगी। इसके लिए रेस्क्यू में रैट माइनर्स को बुलाया गया है। ये लोग हाथ से खुदाई करेंगे।
रोबोटिक्स की लेगें मदद
आपको बताते चलें, उत्तराखंड के सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा रहा है जहां पर मजदूरों की हेल्थ पर नजर रखने के लिए रोबोटिक्स की मदद भी ली जा रही है। इतना ही नहीं 16 दिन से फंसे 41 मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग जारी है।
वहीं, सिल्क्यारा की तरफ से फंसी ऑगर मशीन को सोमवार सुबह काटकर बाहर निकाल लिया गया था। रविवार 26 नवंबर शाम से इसे प्लाज्मा कटर से काटा जा रहा था। पूरी रात यह काम चला।
29 मीटर हो चुकी है खुदाई
यहां पर टनल की खुदाई के काम में जहां पर भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स, मद्रास सैपर्स और सेना की यूनिट इस काम में जुटी थी। सुबह जैसे ही कामयाबी मिली, ये लोग खुशी झूम उठे। अब उम्मीद की जा रही है कि इस जगह से फिर मैन्युअली ड्रिलिंग शुरू हो सकती है।
बताया जा रहा है कि, टनल में सिल्क्यारा ​​​​छोर से फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए अमेरिकन ऑगर मशीन के जरिए खुदाई करके रेस्क्यू पाइप डाले जा रहे थे।
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21 से की जा रही थी हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग
आपको बताते चलें, अब तक घटना के बाद से रेस्क्यू टीम लगातार खुदाई कर मजदूरों को निकालने का प्रयास कर रही है वहीं पर 21 नवंबर से सिल्क्यारा की तरफ से टनल में हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग की जा रही थी। इस प्रक्रिया में 60 मीटर के हिस्से में से 47 मीटर तक ड्रिलिंग के जरिए पाइप डाला जा चुका है। मजदूरों तक करीब 10-12 मीटर की दूरी रह गई थी, लेकिन शुक्रवार शाम को ड्रिलिंग मशीन के सामने सरिए आ जाने से ड्रिलिंग मशीन की शाफ्ट उसमें फंस गई।
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