देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पिछली सरकारों पर अपनी संस्कृति को लेकर हीन भावना होने के चलते अपने आस्था स्थलों का विकास नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि अब काशी, उज्जैन और अयोध्या जैसे केंद्र अपने पुराने गौरव को फिर प्राप्त कर रहे हैं। बदरीनाथ के निकट भारत चीन सीमा पर स्थित अंतिम गांव माणा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधाानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद भी देश को गुलामी ने इस तरह जकड़ा हुआ था कि लंबे समय तक यहां अपने आस्था स्थलों के विकास को लेकर एक नफरत का भाव रहा। उन्होंने कहा, ‘इसकी वजह यह थी कि अपनी संस्कृति को लेकर हीन भावना थी।
गुलामी की मानसिकता ने हमारे आस्था के स्थलों को जर्जर स्थिति में ला दिया।’ उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने अपने नागरिकों को इन स्थलों तक जाने की सुविधाएं देना तक जरूरी नहीं समझा । हालांकि, उन्होंने कहा कि आज काशी, उज्जैन, अयोध्या और अनगिनत आस्था के केंद्र अपने गौरव को पुन: प्राप्त कर रहे हैं तथा केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब को भी सुविधाओं से जोडा जा रहा है । इससे पहले, प्रधानमंत्री ने माणा में 12.40 किलोमीटर लंबे रज्जूमार्ग सहित कुल 3400 करोड रू की सडक और रज्जूमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया ।