अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए ‘‘कार्यवाही करेगी’’ : पेलोसी

वाशिंगटन, 11 जनवरी (एपी) अमेरिका में प्रतिनधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने रविवार को कहा कि सदन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही करेगा। वहीं, उन्होंने उपराष्ट्रपति और कैबिनेट से भी ट्रंप को बाहर करने के लिए कदम उठाने का आग्रह करते हुए कहा कि वह (ट्रंप) लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।
पेलोसी ने एक पत्र में सहयोगियों को कहा कि सबसे पहले सदन में मतदान होगा ताकि उपराष्ट्रपति माइक पेंस, ट्रंप को पद से हटाने के लिए 25वें संशोधन के तहत प्राप्त शक्तियों को उपयोग करें। उन्होंने कहा कि 24 घंटे बाद सदन में महाभियोग के लिए विधेयक लाया जाएगा। महाभियोग की दो बार कार्यवाही का सामना करने वाले ट्रंप इकलौते राष्ट्रपति बन जाएंगे।
पेलोसी ने कहा, ‘‘हमारे संविधान और हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें तुरंत कदम उठाना होगा क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप के पद पर बने रहने से लोकतंत्र और संविधान को खतरा है।’’
सोमवार को पेलोसी के नेतृत्व वाली टीम 25वां संशोधन लागू करने के लिए पेंस और कैबिनेट के मंत्रियों से एक प्रस्ताव पर वोट करने को कहेगी। चूंकि संसद का सत्र नहीं चल रहा है इसलिए इसके विचार पर आपत्ति आ सकती है। इसके बाद पेलोसी मंगलवार को पूर्ण सदन के सामने प्रस्ताव रखेंगी। अगर इसे पारित करना है तो पेंस और कैबिनेट के पास सदन में महाभियोग की कार्यवाही से पहले 24 घंटे का समय होगा।
महाभियोग की प्रक्रिया तेज होने के साथ ट्रंप पर अपने कार्यकाल के पहले ही पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है।
कैलिफोर्निया के पूर्व गवर्नर अर्नोल्ड श्वार्जेनेगर ने यूएस कैपिटल में ट्रंप समर्थकों के हंगामे और हिंसा की तुलना नाजियों से की है और ट्रंप को एक नाकाम नेता बताया है जो इतिहास में ‘‘अब तक के सबसे खराब राष्ट्रपति’’ के तौर पर जाने जाएंगे।
रिपब्लिकन नेता ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि ‘‘बुधवार को अमेरिका में जो भी हुआ उसने नाजियों के ‘नाइट ऑफ ब्रोकन ग्लास’ की याद दिला दी।’’
वर्ष 1938 में नाजियों ने जर्मनी और ऑस्ट्रिया में हमले के दौरान यहूदियों के घरों, स्कूलों और कारोबारी संस्थानों पर तोड़फोड़ की थी जिसे ‘क्रिस्टलनाट या नाइट ऑफ ब्रोकन ग्लास’ कहते हैं।
अप्रत्याशित घटनाक्रम में अमेरिकी राजनयिकों ने दो दस्तावेज तैयार कर कैपिटल बिल्डिंग (संसद भवन) में हमले के लिए ट्रंप द्वारा समर्थकों को उकसाने की निंदा की है और उन्हें पद से हटाने के लिए 25वें संशोधन का समर्थन करने को कहा है।
विदेश विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पिछले बुधवार को हुई घटना से दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने और उसकी हिफाजत करने के लिए अमेरिका की प्रतिष्ठा को बुरी तरह धक्का लगा है।
दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘अगर राष्ट्रपति पद पर बने रहते हैं तो इससे लोकतंत्र को और नुकसान होगा और अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों को प्रभावी तरीके से पूरा करने के रास्ते में बाधा आएगी।’’
दस्तावेज में विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से 25वें संशोधन को लागू करने के लिए उपराष्ट्रपति पेंस और कैबिनेट के दूसरे सदस्यों को कानूनी प्रयासों का समर्थन करने का आह्वान किया गया है।
सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में ट्रंप के खिलाफ प्रतिनिधि सभा में दिसंबर 2019 में महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ था। ट्रंप के खिलाफ भ्रष्टाचारों के आरोपों की कई हफ्ते तक जांच के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाली प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रपति पर दिसंबर में पद के दुरुपयोग और कांग्रेस (संसद) की कार्रवाई बाधित करने का अभियोग लगाया था। हालांकि दो सप्ताह तक चली सुनवाई के बाद सीनेट में इन आरोपों को खारिज कर दिया गया।
एपी सुरभि वैभव
वैभव
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