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UPSC Fake Document Issue: पुणे की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पिछले कुछ समय से सुर्खियों (UPSC Fake Document Issue) में बनी हुई हैं। वहीं, अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 48 किलोमीटर दूर रायसेन में रहने वाली दिव्या यादव भी सुर्खियों में हैं। दरअसल दिव्या यादव ने UPSC 2023 की परीक्षा दी थी। उन्होंने ऑल इंडिया 498वीं रैक हासिल की थी।
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2019 में इलेक्ट्रिकल से इंजीनियरिंग करने वाली दिव्या यादव ने गुजरात के सूरत में नौकरी भी की थी। मगर 2020 में उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और यूपीएससी की तैयारियों में जुट गईं। 2021 से वे यूपीएससी की परीक्षा दे रही थीं।
डॉक्यूमेंट पर उठे सवाल
दुनिया की तीसरी सबसे कठिन परीक्षा में दिव्या यादव ने 498वां स्थान प्राप्त किया था। मगर अब उनके अनुसूचित जाति (SC) डॉक्यूमेंट पर सवाल उठ रहे हैं, सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने यूपीएससी में फेक डॉक्यूमेंट जमा किए हैं।
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उनके पिता एएसआई राजू यादव से बंसल न्यूज डिजिटल ने बात की और इस बात की सच्चाई जाननी चाहीं कि क्या सच में मध्यप्रदेश का नाम देश में रोशन करने वाली दिव्या यादव ने यूपीएससी में फेक सर्टिफिकेट दिया था? दिव्या यादव के पिता राजू यादव ने बंसल न्यूज डिजिटल को बताया कि पुलिस विभाग में उनकी भर्ती भी एससी कोटे में ही हुई है।
इसके साथ ही उनकी जाति 'जाटव' है पर वे अपने नाम के आगे 'यादव' लगाते हैं। दिव्या के पिता ने बंसल न्यूज को ये भी बताया कि जो उन्होंने यूपीएससी में SC का सर्टिफिकेट जमा करवाया है वो एकदम सही है। वो 'जाटव समाज' से आते हैं और उसी आधार पर उनका एससी का जाति प्रमाण पत्र बना है।
पिता हैं ASI
दिव्या यादव के पिता राजू यादव रायसेन के सांची में एएसआई हैं। दिव्या ने सिविल सेवा सर्विस 2023 में चयन के बाद कहा था कि बचपन से ही मैं और मेरे भाई ने उनके संघर्षों को देखा है। दिव्या का कहना है कि उनके पिता की अधिकांश ड्यूटी ग्रामीण क्षेत्र के थानों और चौकियों में ही रहती है। दिव्या यादव की मां का नाम कल्याणी यादव है।
अहिरवार और जाटव समाज लगाते हैं यादव सरनेम
उज्जैन संभाग के एससी के मूलनिवासी अहिरवार और जाटव समाज में यादव सरनेम लगाए जाते हैं। ग्वालियर-चंबल में एससी में गर्ग, खन्ना, पाराशर, शर्मा जैसे सरनेम भी मिलेंगे। इसके साथ ही भोपाल के जहांगीराबाद क्षेत्र में भी अहिरवार, जाटव समाज में यादव सरनेम का उपयोग किया जा रहा है।
पूजा खेडकर विवाद से उठे सवाल
यूपीएससी में आरक्षण कोटे का दुरुपयोग करने की आरोपी ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर फर्जी प्रमाण पत्र देने का आरोप लगा है। रिपोर्ट्स के अनुसार पूजा ने यूपीएएसी में चयन के लिए विकलांगता का गलत प्रमाण पत्र दिया था। साथ ही पूजा खेडकर ने खुद को ओबीसी कैटेगरी में होने का दावा किया था।
जबकि ओबीसी सर्टिफिकेट के लिए पेरेंट्स की सालाना आय 8 लाख या उससे कम होना अनिवार्य है, जबकि चुनावी हलफनामे में पूजा के पिता ने अपनी सालाना इनकम 43 लाख रुपए और कुल संपत्ति 40 करोड़ रुपए बताई थी। इसके बाद ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर काफी सुर्खियों में आ गईं। साथ ही उन पर अपने अधिकारियों के साथ बदसलूकी से व्यवहार करने का भी आरोप है।
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