UPSC Chairman Manoj Soni Resign: UPSC के चेयरमैन मनोज सोनी अचानक अपना इस्तीफा दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यूपीएससी के चेयरमैन मनोज सोनी ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अभी मनोज सोनी का कार्यकाल 5 साल का बचा हुआ है।
UPSC के चेयरमैन मनोज सोनी ने दिया अचानक इस्तीफा: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का चल रहा विवाद, अभी बाकी था 5 साल का कार्यकालhttps://t.co/z1eBGzRNSs#UPSC #chairmanmanojsoni #resigns #personalreasons #Tenure #HindiNews pic.twitter.com/lW3ef3cDIh
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इस समय ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का विवाद काफी गर्म है। अभी मनोज सोनी का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। मनोज मई 2023 में UPSC के अध्यक्ष बने थे।
इनका कार्यकाल 2029 में समाप्त होना था। सोनी प्रधानमंत्री मोदी के करीबी माने जाते हैं।
UPSC chairman Manoj Soni tenders resignation due to personal reasons. His resignation has not been accepted yet: Department of Personnel and Training (DoPT) Sources
— ANI (@ANI) July 20, 2024
एक महीने पहले दिया था इस्तीफा
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मनोज सोनी ने लगभग एक महीने पहले इस्तीफा दे दिया था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाएगा या नहीं किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट में एक ओर बात सामने आई है कि इस इस्तीफे का ट्रेनी IAS पूजा खेडकर कि विवाद से कोई संबंध नहीं है।ऐसा माना जा रहा है कि मनोज सोनी ने अपना इस्तीफा भारत के राष्ट्रपति को सौंप दिया है। भारत की सरकार ने अभी तक किसी नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं की है।
पीएम मोदी के करीबी मानें जाते हैं सोनी
मनोज सोनी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे संबंध मानें जाते हैं। प्रधानमंत्री ने मनोज को 2005 में वडोदरा में एमएस विश्वविद्यालय का सबसे युवा कुलपति नियुक्त किया था।
UPSC में शामिल होने से पहले, उन्होंने गुजरात के दो विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में तीन कार्यकालों में काम किया था, जिसमें डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर ओपन विश्वविद्यालय (बीएओयू) में दो कार्यकाल शामिल
कौन हैं मनोज सोनी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मनोज सोनी अब अपना अधिक समय गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय की एक ब्रांच अनूपम मिशन को देना चाहते हैं।
साल 2020 में दीक्षा प्राप्त करने के बाद वे मनोज सोनी अनूपम मिशन में एक साधु या निष्काम कर्मयोगी बन गए हैं।
2005 में जब मनोज 40 वर्ष के थे, तब वे देश के सबसे कम उम्र के कुलपति बने थे।
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