BBC Documentary row: बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बवाल अब पश्चिम बंगाल पहुंच गया है। जहां इसके स्क्रीनिंग रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किया गया है वहीं कोलकाता में एक छात्र संगठन ने शुक्रवार को प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के कॉलेज स्ट्रीट कैंपस में बीबीसी Documentary को दिखाए जाने का दावा किया।
जानकारी के मुताबिक, प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी में पहले बॉस्केट बॉल हॉल में स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई थी, लेकिन वहां पहले बिजली काट दी गई फिर बाद में कॉमन हॉल में स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई थी, लेकिन वहां भी बिजली गुल हो गई। हालांकि स्क्रीनिंग की आयोजन करने वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की छात्र शाखा स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI ) ने कहा कि विश्वविद्यालय के 50 से अधिक छात्रों ने विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री देखा।
प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के एक एसएफआई प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रशासन ने जाहिर तौर पर (वृत्तचित्र की) स्क्रीनिंग को रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्रों की सामूहिक शक्ति के आगे उन्हें हार माननी पड़ी।’’वहीं बताते चलें कि इससे पहले कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय के 100 से अधिक विद्यार्थियों के 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री को देखने की खबर है। बताया जा रहा है कि एसएफआई ने डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन की व्यवस्था की थी।
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC ) का Documentary ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ दो भाग में है, जिसमें दावा किया गया है कि यह 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की पड़ताल पर आधारित है। गुजरात दंगों के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। विदेश मंत्रालय ने वृत्तचित्र को ‘‘दुष्प्रचार का हिस्सा’’ बताते हुए खारिज किया है और कहा कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है तथा यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। जिसके केंद्र सरकार ने BBC Documentary ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को 21 जनवरी को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे।