हाइलाइट्स
- नकल रोकने के लिए यूपी एसटीएफ भी रखेगी पैनी नजर
- नोडल अधिकारी रहेंगे तैनात
- नकल माफिया पर STF की पैनी नजर
UPPSC RO/ARO Exam: उत्तर प्रदेश में जुलाई को प्रस्तावित UPPSC RO/ARO Exam को पूरी शुचिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न कराने के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) और योगी सरकार ने कमर कस ली है। परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, जिसमें एसटीएफ (STF), खुफिया एजेंसियों (Intelligence Agencies) और पुलिस विभाग (Police Department) को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नकल माफिया पर STF की पैनी नजर
परीक्षा से पूर्व ही चिन्हित संवेदनशील केंद्रों (Sensitive Centers) की विशेष निगरानी के लिए एसटीएफ को निर्देशित किया गया है। राज्य सरकार ने परीक्षा की शुचिता भंग करने वाले पुराने आरोपियों और सक्रिय नकल गैंग (Copying Gangs) की पहचान कर उनके खिलाफ सतत निगरानी और रोकथाम के आदेश जारी किए हैं। पूर्व में परीक्षा अपराधों में लिप्त रहे गैंग और आरोपी यदि इस समय जमानत पर हैं, तो उन पर विशेष नजर रखी जाएगी। एसटीएफ द्वारा सोशल मीडिया (Social Media) के खुले प्लेटफॉर्म की निगरानी के साथ-साथ व्हाट्सएप (WhatsApp) और टेलीग्राम (Telegram) जैसे अफवाह फैलाने वाले माध्यमों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। परीक्षा के दौरान कोचिंग संस्थानों (Coaching Institutes) की गतिविधियों पर भी नजर रखने के लिए समर्पित टीमें तैनात रहेंगी, जो संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी संबंधित एजेंसियों को तुरंत उपलब्ध कराएंगी।
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परीक्षा केंद्रों पर अभूतपूर्व सुरक्षा प्रबंध
प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर पर्याप्त पुलिस बल (Police Force) तैनात रहेगा, जो परीक्षा के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ अभ्यर्थियों की गहन तलाशी (Frisking) करेगा, ताकि कोई भी निषिद्ध सामग्री (Prohibited Material) लेकर अंदर न जा सके। गोपनीय बंडलों की ट्रेजरी से निकासी से लेकर उत्तर पुस्तिकाओं (Answer Sheets) के डिस्पैच तक, पूरे प्रोसेस (Process) में सशस्त्र गार्ड (Armed Guards) और वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी अनिवार्य की गई है। यदि परीक्षा के दौरान कोई भी अभ्यर्थी या व्यक्ति अनुचित साधनों (Unfair Means) के प्रयोग में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के अंतर्गत कठोर वैधानिक कार्रवाई (Legal Action) सुनिश्चित की जाएगी।
नोडल अधिकारी रहेंगे तैनात, जिलाधिकारी होंगे जिम्मेदार
आरओ/एआरओ परीक्षा को नकलमुक्त और निष्पक्ष बनाने के लिए राज्य सरकार और आयोग का यह संयुक्त अभियान परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता (Transparency) और ईमानदारी (Integrity) को स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। परीक्षा के दिन आयोग और एसटीएफ के बीच समन्वय बनाए रखने हेतु एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित किया जाएगा। इसके अलावा, हर जिले में पुलिस आयुक्त (Police Commissioner), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (Senior Superintendent of Police) या पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police) स्तर के नोडल अधिकारी (Nodal Officer) की प्रत्यक्ष निगरानी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि 27 जुलाई को सभी 75 जनपदों में यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। प्रातः 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एक पाली में आयोजित होने जा रही इस परीक्षा में 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसके लिए समस्त जनपदों में 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। हर जिले में जिलाधिकारी (District Magistrate) को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो परीक्षा की संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी करेंगे और आवश्यकतानुसार त्वरित निर्णय ले सकेंगे।
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