लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान ज्यादातर इलाकों में बारिश हुई। इस दौरान वर्षाजनित हादसों में दो लोगों की मौत हो गई और जगह-जगह जलभराव से जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में पिछले कई दिनों से हो रही बेमौसम भारी बारिश से प्रभावित जिलों में पूरी मुस्तैदी से राहत कार्य चलाने और किसी तरह की जनहानि और पशुहानि के पीड़ितों को तुरंत सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं। आंचलिक मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में मानसून पूरी तरह सक्रिय है और पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में अनेक स्थानों पर वर्षा हुई। कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश भी हुई। प्रदेश में मंगलवार को भी अनेक स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है।
अमेठी जिले के जामो इलाके में रविवार रात बारिश के बीच एक कच्चा मकान ढह जाने से मलबे में दबकर राम सजीवन नामक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं, प्रतापगढ़ के उदयपुर थाना क्षेत्र स्थित रेउआ लालगंज गांव के रहने वाले दिलीप सिंह की भारी बारिश के कारण कच्चा मकान सोमवार सुबह ढहने से मलबे में दबकर मौत हो गई। पुलिस ने दोनों के शव का पोस्टमॉर्टम कराया है। बाराबंकी से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल के बांधों से घाघरा नदी में छोड़े गए पानी से जिले की तीन तहसीलों-सिरौलीगौसपुर, रामनगर और रामसनेहीघाट क्षेत्र के 80 गांवों की करीब दो लाख आबादी पर संकट मंडराने लगा है। इन गांवों में बने स्कूल और अस्पताल भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
पर्वतपुर और तेलवारी गांव के पास तेज़ कटान से कई मकान नदी में समा चुके हैं। इन गांवों के एक दर्जन और मकान भी कटान के मुहाने पर हैं। संपर्क मार्गों पर पानी बहने के कारण लोग परिजनों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हुए हैं। वहीं, बाढ़ पीएसी भी बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रही है। घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 78 सेमी ऊपर बह रही है। संपर्क मार्गों पर पानी भर जाने से इनका संपर्क मुख्य मार्गों से टूट गया है। तराई में चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है, जिससे बाढ़ पीड़ितों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। नदी का जलस्तर एक सेमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। नदी का जलस्तर अभी और बढ़ने की आशंका है।
बलरामपुर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में आई बाढ़ से गोंडा-बढ़नी गोरखपुर रेलवे मार्ग पुल पर बाढ़ का पानी आ जाने से रेलगाड़ियों का संचालन रोक दिया गया है । बलरामपुर स्टेशन के अधीक्षक पी आर सोमवंशी ने बताया कि गैजहवा और कोवापुर स्टेशनों के बीच पुल संख्या 149 पर पानी आ जाने के कारण अपराह्न दो बजकर 45 मिनट से रेलगाड़ियों के आवागमन पर रोक लगा दी गयी है तथा पुल पर बाढ़ का पानी आ जाने से करीब दो दर्जन ट्रेन के आवागमन पर प्रभाव पड़ा है। उन्होंने बताया कि रेलगाड़ियों का आवागमन बंद होने से हजारों यात्रियों पर प्रभाव पड़ेगा और अगले आदेश तक ट्रेन संचालन बंद रहेगा।
इस बीच, बदायूं से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले में भारी बारिश और तेज हवा चलने से सरसों, उड़द और बाजरा की खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं। इसके अलावा नवनिर्मित रोडवेज बस अड्डे की एक दीवार भी ढह गई। बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने कहा कि बारिश और बाढ़ के कारण फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है और प्रभावित किसानों को जल्द मदद दी जाएगी। प्रदेश में हो रही इस बेमौसम बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है और खेतों में खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन जिलों के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके अलावा अनेक शहरी इलाकों में भी जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री ने बेमौसम अत्यधिक बारिश से प्रभावित जिलों में राहत कार्य तेज करने और जलभराव वाले क्षेत्रों में निरीक्षण करने के लिए अधिकारियों को खुद मैदान में उतरने का निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों को क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों पर नजर रखने की हिदायत देते हुए कहा है कि अधिकारी बाढ़ के कारण होने वाली किसी भी तरह की जनहानि और पशुहानि पर तत्काल पहुंचकर सहायता प्रदान करें। आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन की टीम सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाए और साथ ही उनके रहने और भोजन की समुचित व्यवस्था करे। उन्होंने राहत कार्यों के संचालन के लिए राजस्व, पुलिस, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, नगर विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को सक्रिय रहने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलभराव की स्थिति में प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता पर जल निकासी की व्यवस्था के लिए आवश्यकतानुसार पंप लगाकर जल-जमाव की समस्या का समाधान किया जाए। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान बरेली के मीरगंज में सबसे ज्यादा 23 सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
इसके अलावा बरेली के ही नवाबगंज में 18, बिजनौर के नजीबाबाद और नगीना में 17-17, बिजनौर नगर में 16, लखीमपुर खीरी के शारदा नगर में 15, प्रतापगढ़ के कुंडा, सीतापुर के नीमसार और बाराबंकी के रामनगर में 13-13, कानपुर देहात के अकबरपुर और जालौन के कालपी में 12-12, हमीरपुर, बाराबंकी के फतेहपुर, बहराइच के कैसरगंज तथा कन्नौज के तिर्वा में 11-11 सेंटीमीटर, लखीमपुर खीरी जिले के निघासन, प्रतापगढ़ के पट्टी और उन्नाव के हसनगंज में 10-10 सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान भी अनेक स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है।