हाइलाइट्स
- जिले में युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए व्यापक मॉक ड्रिल
- युद्ध या हवाई हमले जैसी किसी भी आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा
- मॉक ड्रिल की शुरुआत सुबह 6 बजे पुलिस लाइन से हुई
Mock Drill In Varanasi: वाराणसी में बुधवार सुबह सायरनों की आवाज से दिन की शुरुआत हुई, जब जिले में युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। मॉक ड्रिल की शुरुआत सुबह 6 बजे पुलिस लाइन से हुई, जहां हवाई हमले से बचाव और आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया गया।
इस मॉक ड्रिल का आयोजन जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर किया गया। उन्होंने बताया कि युद्ध या हवाई हमले जैसी किसी भी आपात स्थिति में नागरिकों की जानमाल की सुरक्षा के लिए यह मॉक ड्रिल आवश्यक है।
किसी भी स्थिति में नागरिकों की जानमाल की सुरक्षा
ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, नागरिक सुरक्षा, पुलिस, चिकित्सा, शिक्षा, अग्निशमन, नगर निगम, एयरपोर्ट अथॉरिटी, सेना, वायुसेना सहित कई विभागों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे।
नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा आग बुझाने की ट्रेनिंग
मंगलवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें मॉक ड्रिल की रणनीति तैयार की गई। इसके बाद बुधवार को पूरे जिले में मॉक ड्रिल को अंजाम दिया गया। शहर के प्रमुख चौराहों, घाटों, बरेका, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, ग्राम पंचायतों और स्कूल-कॉलेजों में मॉक ड्रिल कराई गई। लोगों को सायरन की आवाज पर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की प्रक्रिया सिखाई गई। सुबह नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा आग बुझाने की ट्रेनिंग भी दी गई।
साथ ही, ब्लैक आउट की स्थिति और सायरन के विभिन्न संकेतों को समझने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया गया। ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को आपात स्थिति में सजग और सक्षम बनाना था, ताकि किसी भी संभावित खतरे की स्थिति में वे सही निर्णय लेकर खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें।