हाइलाइट्स
- सरकारी शिक्षक नहीं देंगे ऑनलाइन अटेंडेंस
- कईयों का कहना सरकार नहीं दे पा रही है सुविधा
- इस तरह की व्यवस्था लागू करना अव्यवहारिक
Up Teachers Online Attendance: उत्तर प्रदेश के राजकीय और सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और कक्षा 9 से 12 के छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू करने के आदेश का शिक्षक संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। संगठनों का कहना है कि बिना आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए इस तरह की व्यवस्था लागू करना अव्यवहारिक और मनमाना निर्णय है।
क्या है ऑनलाइन अटेंडेंस का नया आदेश?
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 1 जुलाई 2025 से प्रदेश के सभी सरकारी और एडेड स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की दैनिक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का निर्देश जारी किया है। इस व्यवस्था के तहत अनुपस्थिति का कारण भी परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। कई स्कूलों में 1000 से अधिक छात्र हैं, जिनकी उपस्थिति अपलोड करना शिक्षकों के लिए भारी कार्यभार बन जाएगा।विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षक, क्लर्क, चपरासी, चौकीदार तक नियुक्त नहीं हैं। इंटरनेट की उपलब्धता न होने से ग्रामीण स्कूल सबसे अधिक प्रभावित होंगे।
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बायोमेट्रिक अटेंडेंस पहले से ही कई स्कूलों में लागू
डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह पटेल (प्रादेशिक अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ – पांडेय गुट) और प्रवक्ता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि यह व्यवस्था शिक्षा से अधिक स्कूल प्रशासन पर बोझ बढ़ाएगी। पढ़ाई के लिए समय ही नहीं बचेगा शिक्षक नेताओं ने याद दिलाया कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस पहले से ही कई स्कूलों में लागू है। ऐसे में ऑनलाइन डबल अटेंडेंस व्यवस्था लागू करना अनावश्यक है।
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