UP Sambhal Kalki Dham: उत्तर प्रदेश के संभल में निर्माणाधीन कल्कि धाम में शिलादान का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर शिवसेना के वरिष्ठ नेता अभिषेक वर्मा ने संभल में अपनी माताजी की स्मृति में शिलादान किया। उन्होंने इस अवसर पर परिवार के साथ शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया।
शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज से मिले शिवसेना नेता अभिषेक वर्मा

शुक्रवार को कल्कि धाम में आयोजित शिलादान समारोह में शिवसेना के वरिष्ठ नेता अभिषेक वर्मा अपने परिवार सहित शामिल हुए। उन्होंने अपनी माता के नाम पर शिला का दान किया और इस अवसर पर शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम जी महाराज से आशीर्वाद लिया।
‘राष्ट्रविरोधी ताकतों के खिलाफ आध्यात्मिक चेतना का दुर्ग’
इस अवसर पर अभिषेक वर्मा ने कहा- पिछले कुछ दशकों से कुछ कट्टरपंथी विदेशी ताकतें योजनाबद्ध ढंग से भारत की एकता, अखंडता और सनातन संस्कृति को कमजोर करने में जुटी हैं। यह षड्यंत्र कभी जनसंख्या असंतुलन के रूप में, कभी जिहाद जैसे माध्यमों से, तो कभी कट्टरता और अलगाववाद को हवा देकर सामने आता है।
लेकिन भारत केवल एक भूखंड नहीं, बल्कि एक धर्मखंड है, जहाँ सनातन धर्म की आत्मा बसती है। ऐसे में कल्कि धाम केवल आस्था के केंद्र नहीं, बल्कि उन राष्ट्रविरोधी ताकतों के विरुद्ध हमारी वैचारिक और आध्यात्मिक चेतना के दुर्ग बनेंगे।
पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी 2024 को कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी थी। साथ ही पीएम मोदी ने श्री कल्कि धाम मंदिर के मॉडल का भी अनावरण किया। कल्कि धाम का निर्माण श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है, जिसके अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं।
संभल में ही क्यों बन रहा कल्कि धाम
सम्भल ग्राम मुख्यस्य, ब्राह्मणस्य महात्मनः।
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।।
श्रीमद्भागवत पुराण के बारहवें स्कंध में यह वर्णन मिलता है कि कलियुग के अंत और सतयुग की शुरुआत के संधिकाल में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतरित होंगे। इस श्लोक के अनुसार, कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान में विष्णुयश नामक एक प्रतिष्ठित ब्राह्मण के घर होगा। धार्मिक मान्यता यह भी है कि भगवान परशुराम उन्हें खड्ग (दिव्य तलवार) प्रदान करेंगे, और उनकी शिक्षा-दीक्षा का कार्य देवगुरु बृहस्पति करेंगे।
कैसा होगा कल्कि धाम?
कल्कि धाम की विशेषता यह है कि इसमें भगवान विष्णु के दस अवतारों के लिए अलग-अलग 10 गर्भगृह बनाए जाएंगे। यह मंदिर गुलाबी पत्थरों से तैयार किया जाएगा, जिससे इसे एक अनोखी भव्यता मिलेगी। यह मंदिर अपने आप में एक अद्वितीय निर्माण होगा। इसकी ऊंचाई 108 फीट होगी और 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर इसका निर्माण किया जाएगा। अयोध्या स्थित राम मंदिर की तरह इस मंदिर में भी निर्माण कार्य के दौरान लोहा या स्टील जैसी धातुओं का उपयोग नहीं किया जाएगा। इस मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना होगी। ये मंदिर 5 एकड़ में बनने जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार कल्कि धाम मंदिर 2029 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
भगवान विष्णु के दस अवतार
- मत्स्य अवतार
- कूर्म अवतार
- वराह अवतार
- भगवान नृसिंह
- वामन अवतार
- श्रीराम अवतार
- श्रीकृष्ण अवतार
- परशुराम अवतार
- बुद्ध अवतार
- कल्कि अवतार
कब होगा कल्कि अवतार का जन्म?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलियुग में जब अधर्म, पाप और अन्याय अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाएंगे, तब भगवान विष्णु कल्कि अवतार के रूप में प्रकट होंगे। यह उनका दसवां अवतार होगा, जो पापियों का नाश करने और धर्म की पुनः स्थापना के लिए होगा। ऐसा माना जाता है कि जब-जब पृथ्वी पर अन्याय और अधर्म का बोलबाला हुआ है, तब-तब भगवान विष्णु ने विभिन्न रूपों में अवतार लेकर संसार की रक्षा की है।