हाइलाइट्स
- राहुल गांधी के खिलाफ भगवान राम पर टिप्पणी को लेकर कम्प्लेन।
- ब्राउन यूनिवर्सिटी में राम को ‘पौराणिक’ बताने पर विवाद।
- MP/MLA कोर्ट में 19 मई को होगी मामले की अगली सुनवाई।
RahuI Gandhi Lord Ram Remarks controversy: कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट में एक कम्प्लेन दाखिल की गई है। अधिवक्ता हरीशंकर पांडेय ने यह मामला दाखिल करते हुए आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अमेरिका के बोस्टन स्थित ब्राउन यूनिवर्सिटी में अपने भाषण के दौरान भगवान श्रीराम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
बोस्टन यूनिवर्सिटी में दिया विवादित बयान
अधिवक्ता हरीशंकर पांडेय के अनुसार, राहुल गांधी 21 अप्रैल को अमेरिका के बोस्टन पहुंचे थे, जहां उन्होंने ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान भगवान राम को ‘पौराणिक’ और उस युग की कहानियों को ‘काल्पनिक’ बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान सीधे तौर पर भगवान राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
‘राम द्रोही’ करार, कोर्ट में कार्रवाई की मांग
कम्प्लेन में राहुल गांधी को ‘राम द्रोही’ बताते हुए अधिवक्ता ने कहा कि यह टिप्पणी सनातन संस्कृति और आस्था का अपमान है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब देश में कांग्रेस की सरकार थी, तब भी पार्टी ने राम मंदिर निर्माण का विरोध किया था और अब पार्टी नेता विदेश जाकर भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं।
कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 19 मई तय की
एमपी/एमएलए कोर्ट ने कम्प्लेन स्वीकार करते हुए अधिवक्ता को 19 मई को साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कोर्ट अब यह तय करेगा कि इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है या नहीं।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी के जिस बयान को लेकर विवाद हुआ है, उसमें उन्होंने कहा था, “हमारे पौराणिक चरित्र भगवान राम ऐसे ही थे, वो क्षमाशील थे, वो दयालु थे। मैं भाजपा की बातों को हिंदू विचार नहीं मानता। किसी को भी नहीं मानना चाहिए।”
बस्ती मंडल में धान खरीद घोटाला: सिद्धार्थनगर के पीसीएफ जिला प्रबंधक अमित चौधरी बर्खास्त, 11 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप
उत्तर प्रदेश के बस्ती मंडल में वर्ष 2023-24 के दौरान हुए धान खरीद और सीएमआर डिलीवरी में बड़े पैमाने पर घोटाले का खुलासा हुआ है। इस मामले में सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर के निर्देश पर की गई जांच में 11 करोड़ रुपये की अनियमितता पाई गई। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें