(रिपोर्ट- अंकित श्रीवास्तव- गोरखपुर)
Gorakhpur News: प्रदेश भर में चलाये जा रहे हैं ऑपरेशन कनेक्शन को और सुदृण करने के लिए गोरखपुर में एक नया प्रयोग किया गया है, इसमें हर थाने पर एक योग्य उपनिरीक्षक को उपनिरीक्षक अभियोजन के रूप में नियुक्त किया गया है। ऐसी व्यवस्था करने वाला गोरखपुर प्रदेश का पहला जिला है। जहाँ पर इस तरह का प्रयोग किया गया है। इसको लेकर अधिकारियों द्वारा पुलिस को प्रशिक्षण भी दिया गया है, जिससे अपराधियों को सजा दिलाने में यह मददगार साबित हो सके।
उपनिरीक्षक अभियोजन ऐसे करेंगे कार्य
न्यायालय में अपराधियों के खिलाफ प्रभावी पैरवी करने के लिए और जो अभियोजन विभाग न्यायालय में पैरवी करता है, उसके सहयोग के लिये एक नया प्रयोग गोरखपुर के सभी थानों पर किया गया है। जिसमें हर थाने पर एक योग्य उपनिरीक्षक को अभियोजन के रूप में नियुक्त किया गया है। उपनिरीक्षक अभियोजन की मैन जिम्मेदारी जिला न्यायालय या अन्य न्यायालय है, उससे संबंधित जो भी सूचना प्रॉसिक्यूशन के द्वारा मांगी जाती है। चाहे वह बेल कमेंट हो या अपराधी का रिकॉर्ड हो या न्यायालय में जो भी मुकदमे चल रहे हैं, समय पर जो भी विटनेस है उनको प्रोड्यूस करना साथ ही न्यायालय से जो भी सूचनाओं मांगी जाती है उनको तत्काल और सही रूप में उनको वहां पर समय से प्रस्तुत करना ताकि किसी भी प्रकार की कोई देरी न हो सके।
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किसी की भी लापरवाही से अपराधी को किसी भी तरीके का कोई फायदा ना पहुंच सके। इसके साथ-साथ उच्य न्यायालय और उत्तम न्यायालय में जो भी सूचना वहां से मांगी जा रही है, जो भी काउंटर एफिडेविट लगे हैं, वह समय से लगे उसमें सही तथ्य और एक व्यक्ति थाने पर उसका जिम्मेदार होता है ताकि किसी के द्वारा अगर कोई लापरवाही बरती जाती है तो उसकी जिम्मेदारी भी फिक्स की जा सके इस पूरे अभियान को लागू करने के लिए उपनिरीक्षक अभियोजन हर थाना लेवल पर बनाए गए हैं।
इस वजह से उपनिरीक्षक अभियोजन होगा जिम्मेदार
जिले स्तर पर एसपी दक्षिणी जितेंद्र कुमार तोमर को उपनिरीक्षक अभियोजन का नोडल बनाया गया है। किसी भी आख्या में कमी मिलने पर उसके लिए थाना प्रभारी या विवेचक नही बल्कि उपनिरीक्षक अभियोजन जिमेदार होंगे। उपनिरीक्षक अभियोजन को बताया गया है कि कोर्ट में भेजी जाने वाली आख्या अगर उनके द्वारा अग्रसारित नहीं होती है तो पैरवी करने वाले उपनिरीक्षक अभियोजन उसे सबमिट नहीं करेंगे और इसकी सूचना तत्काल नोडल अधिकारी को भेजेंगे। जेडी प्रॉसिक्यूशन और जीडीसी क्रिमिनल उनके पूरी टीम के साथ इनका समन्वय स्थापित करने के लिए पुलिस लाइन सभागार में इनकी ट्रेनिंग भी कराई गई है। ट्रेनिंग में वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह, अभियोजन अधिकारी प्रतियुस दुबे, अमित कुमार शर्मा व दिलीप कुमार सिंह ने विस्तार से जानकारी देते हुए यह बताया कि कैसे थाने के विवेचकों से आख्या प्राप्त करके उसे कैसे तैयार करेंगे। आगे भी इनकी ट्रेनिंग जारी रहेगी।
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एसएसपी गौरव ग्रोवर ने कही ये बात
गोरखपुर एसएससी गौरव ग्रोवर ने कहा की हमें पूरा विश्वास है, माननीय न्यायालय में प्रभावी पैरवी करते हुए अधिक से अधिक अपराधियों को सजा दिलाई जाएगी और किसी भी प्रकार की इसमें कोई भी कोताही ही नहीं बरती जाएगी। यह तीनों जो हमारे विंग हैं जीडीसी क्रिमिनल, जेडी प्रॉसिक्यूशन और जनपद लेवल पर जो हमारा मार्टिन सेल है या थाने स्तर पर जो उपनिरीक्षक अभियोजन है यह मिलकर टीम के रूप में आने वाले दिनों में काम करेंगे, एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया यह हमारे द्वारा जनपद गोरखपुर में किया गया है।
गोरखपुर में मुजरिमों को लगातार 2022, 2023, 2024 में प्रतिवर्ष लगभग 150 के आसपास आजीवन कारावास की सजा हुई हैं कुछ मामले हैं जिसमें 20 साल की या 10 साल की सजा है, ऐसे काफी मामले है जिनमें प्रभावी पैरवी करते हुए चिन्हित किए गए हैं और उनके ऊपर कारवाई भी हुई है। इसके अलावा प्रदेश स्तर के जो चिन्हित माफिया हैं, उनके भी मुकदमे उनको भी सूचीबद्ध करके उनकी भी प्रभावि पैरवी की गई और उसमें भी माननीय न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई है। आने वाले दिनों में जो अपराधिक माफिया हैं या जो आदतन अपराधी है उनको प्रायोरिटी पर लेटे हुए उनके जो सभी केसेस ट्रायल पर हैं उनको प्रोड्यूस करते हुए प्रभावी पैरवी करते हुए जल्द से जल्द सजा दिलाई जाएगी।