रिपोर्ट- अभय शर्मा, मेरठ
Meerut Health Team Raid, Gender Testing Case: मेरठ में भ्रूण लिंग जांच का अवैध मामला सामने आया है। लेकिन, मेरठ का स्वास्थ्य विभाग इस मामले में अभी भी पूरी तरह से खामोश है। बताया जा रहा है कि पिछले कई महीनों से हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग टीम को इस अवैध कारोबार के बारे में शिकायते मिल रही थी, लेकिन मेरठ के सीएमओ और स्वास्थ्य विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
हरियाणा की टीम ने किया खुलासा
इसके बाद, हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने मेरठ के जागृति विहार इलाके में स्थित ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापा मारकर भ्रूण लिंग जांच के अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया। इस दौरान टीम ने डॉक्टर और तीन दलालों को रंगे हाथों पकड़ा। यह टीम हरियाणा के रोहतक से मेरठ पहुंची थी और उसने इस मामले में बाकायदा जाल बिछाकर कार्रवाई की।
कैसे हुआ खुलासा?
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की टीम को मेरठ स्थित ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर में भ्रूण लिंग जांच के संबंध में शिकायतें मिल रही थीं। टीम ने अपने एक सदस्य को एक दलाल के माध्यम से केंद्र से संपर्क कराया। दलाल ने एक टीम सदस्य को केंद्र पर बुलाया और 30,000 रुपये में भ्रूण का लिंग निर्धारण करने की पेशकश की। जांच के दौरान डॉक्टर ने बताया कि भ्रूण लड़का है। इसी बीच टीम ने छापेमारी कर डॉक्टर और दलाल को गिरफ्तार कर लिया।
बिना कागजात के हो रहा था अवैध कारोबार
जांच में पता चला कि केंद्र बिना किसी किसी फॉर्म या दस्तावेज के अल्ट्रासाउंड के जरिए भ्रूण लिंग जांच की जा रही थी। बता दें, यह कारोबार पूरी तरह से अवैध और गुप्त तरीके से चलाया जा रहा था। मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गिरफ्तार डॉक्टरों और दलालों को मेडिकल थाना पुलिस के हवाले कर दिया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
मामले में हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉक्टर विश्वजीत राठी ने मीडिया को बताया कि इस मामले में उन्हें पहले ही सूचनी मिली थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घटनास्थल पर जाल बिछाकर छापा मारा, तो मामले का खुलासा हुआ। इसमें हेमेन्द्र और पवन नाम के दो आरोपियों का भी नाम सामने आया है।
मेरठ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सवाल
इस पूरे मामले में मेरठ के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है, शिकायतें मिलने के बाबजूद मेरठ का स्वास्थ्य विभाग इस मामले में पूरी तरह से निष्क्रिय रहा है। इसके बाद अब सवाल उठने रहे हैं कि आखिर कौन इस अवैध कारोबार को संरक्षण दे रहा है और क्यों मेरठ का स्वास्थ्य विभाग इस मामले में चुप है?
सरकारी दावों पर भी सवाल
सरकार लगातार दावा कर रही है कि भ्रूण लिंग परीक्षण पूरी तरह से अवैध है और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। लेकिन मेरठ में सामने आया यह मामला सरकार के इन दावों को खोखला साबित करता है।
मेरठ में भ्रूण लिंग जांच का यह मामला समाज के लिए एक चिंताजनक स्थिति पैदा करता है। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि महिलाओं और बच्चियों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ भी है।
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