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UP Marriage Registration: स्थायी निवासी जिले में ही मान्य होगा विवाह पंजीकरण, शादी कराने वाले को देना होगा शपथपत्र

Uttar Pradesh Marriage Registration Rules 2025 Update; उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण से जुड़ी जालसाजी पर अब लगाम लगेगी। हाईकोर्ट ने नई नियमावली बनाने के निर्देश दिए हैं

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Bansal news
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हाइलाइट्स

  • यूपी में फर्जी विवाह पंजीकरण पर हाईकोर्ट सख्त
  • अब विवाह पंजीकरण सिर्फ स्थायी निवास जिले में
  • शादी कराने वाले की उपस्थिति और शपथ जरूरी
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UP Marriage Registration Rules: उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण को लेकर हो रही जालसाजी पर अब रोक लगेगी। हाईकोर्ट ने स्टांप एवं पंजीकरण विभाग को छह माह के भीतर नए नियम बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, जब तक ये नियम लागू नहीं हो जाते, तब तक विवाह पंजीकरण केवल उसी जिले में मान्य होगा, जहां वर या वधु अथवा उनके माता-पिता स्थायी निवासी हों। यह निर्णय फर्जी विवाह प्रमाणपत्रों और घर से भागे जोड़ों की अवैध शादियों को रोकने के लिए लिया गया है।

भागे हुए जोड़ों की फर्जी शादी

गाजियाबाद, नोएडा, प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ और मेरठ जैसे शहरों में एक ऐसा रैकेट सक्रिय है, जो घर से भागे जोड़ों की शादी करवा रहा है। यह रैकेट आर्य समाज की आड़ में नकली विवाह प्रमाण पत्र बनवाकर दूसरे राज्यों के वर-वधु की शादी यूपी में दिखाता है और उसी दिन उसका पंजीकरण भी कर देता है। जांच में पाया गया कि 90% मामलों में विवाह और पंजीकरण की तिथि एक ही थी। इतना ही नहीं, यह रैकेट हाईकोर्ट में जोड़ों की सुरक्षा के लिए याचिकाएं भी दाखिल करता रहा है।

हाईकोर्ट ने मांगी व्यक्तिगत उपस्थिति

मामला तब गंभीर हो गया जब शनिदेव नामक युवक ने अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग की। इसी तरह के सैकड़ों मामले हाईकोर्ट पहुंचे, जिसके बाद कोर्ट ने इन्हें स्पेशल कैटेगरी में डाल दिया और 125 याचिकाओं को क्लब कर एक साथ सुनवाई की।

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हाईकोर्ट ने गाजियाबाद, नोएडा और प्रयागराज के एआईजी स्टांप अधिकारियों को पंजीकृत विवाहों के डाटा के साथ व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया। खुलासा हुआ कि अकेले गाजियाबाद में एक वर्ष में 29 हजार से अधिक विवाह पंजीकरण हुए। विभाग ने यह भी स्वीकार किया कि फिलहाल विवाह पंजीकरण की सत्यापन व्यवस्था ही मौजूद नहीं है।

नए नियमों की रूपरेखा

हाईकोर्ट के निर्देशानुसार, विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया में निम्नलिखित बदलाव होंगे:

पंजीकरण केवल उसी जिले में होगा, जहां वर या वधु या उनके माता-पिता स्थायी निवासी हों।

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अपंजीकृत रेंट एग्रीमेंट अब मान्य नहीं होगा।

उम्र का सत्यापन अनिवार्य होगा।

यदि परिवारजन उपस्थित नहीं हैं, तो विवाह कराने वाले व्यक्ति को रजिस्ट्रार के सामने शपथपत्र देना होगा और उसकी उपस्थिति अनिवार्य होगी।

पंजीकरण क्यों है आवश्यक?

स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल के अनुसार, बेटियों की सामाजिक सुरक्षा और विवाह की कानूनी मान्यता के लिए पंजीकरण जरूरी है। विवाह प्रमाणपत्र के अभाव में:

अदालत में विवाह को साबित करना कठिन हो सकता है।

गुजारा भत्ता, कस्टडी, या संपत्ति विवादों में जटिलता उत्पन्न होती है।

विदेश यात्रा के लिए वैवाहिक दर्जा साबित करना मुश्किल होता है।

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