UP Land Conservation Schemes Scam: उत्तर प्रदेश में किसानों की मदद के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है, जिनका मकसद उनकी आय बढ़ाना और सिंचाई के साधन उपलब्ध कराना है। लेकिन ललितपुर जिले में भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों पर इन योजनाओं में बड़े घोटाले के आरोप लगे हैं। दरअसल किसानों को मिलने वाले अनुदान की राशि हड़प ली गई और भ्रष्टाचार के इस खेल में कई किसानों को उनका हक नहीं मिला।
कैसे हुआ घोटाला?
ललितपुर में भूमि संरक्षण विभाग खेत तालाब योजना के तहत किसानों के खेतों में 35×30 मीटर के गड्ढे खुदवाने के लिए ₹2,28,400 की लागत तय करता है। सरकार किसानों को ₹1,14,200 की अनुदान राशि तीन किस्तों में उनके खाते में भेजती है। लेकिन किसानों का आरोप है कि अधिकारियों ने इस राशि को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया और किसानों को योजना का लाभ नहीं मिला।
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किसानों के साथ कैसे हुई धोखाधड़ी?
फर्जी टोकन जनरेट कर पैसा निकाला- किसानों से ₹2000 टोकन फीस लेकर योजना में पंजीकरण किया, लेकिन गड्ढे खुदवाए ही नहीं गए।
किसानों के खातों में पैसे नहीं आए- कुछ किसानों का कहना है कि उनके खाते में अनुदान की राशि भेजने की बजाय दलालों के खातों में पैसा ट्रांसफर कर दिया गया।
दूसरे किसानों के गड्ढों की फोटो इस्तेमाल की गई- अधिकारियों ने पहले से खुदे हुए गड्ढों की फोटो लगाकर भुगतान निकाल लिया, जबकि असली लाभार्थी किसान को योजना का लाभ नहीं मिला।
शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं- किसानों और समाजसेवियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई, अनशन तक किया, लेकिन अब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया।
अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
किसानों का कहना है कि इस घोटाले के पीछे भूमि संरक्षण अधिकारी अनिल कुमार राय और उनके सहयोगी कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा, लेखाकार शुभम तिवारी पर भी आरोप है कि उन्होंने खातों में हेरफेर कर पैसे दलालों के अकाउंट में ट्रांसफर किए।
मामले में जांच की स्थिति
जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि किसानों की शिकायतों को विकास भवन के अधिकारियों को जांच के लिए सौंप दिया गया है। शासन को भी इस मामले में अग्रिम कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।पीड़ित किसानों की संख्या आधा दर्जन से अधिक बताई जा रही है, जिनका पैसा किसी और के खाते में भेजा गया।
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