हाइलाइट्स
- कानपुर में 161 पुलिसकर्मी ड्यूटी से अचानक गायब
- बिना सूचना गैरहाजिरी पर विभागीय कार्रवाई शुरू
- छुट्टी प्रक्रिया सख्त करने की योजना तैयार
रिपोर्ट – अनुराग श्रीवास्तव
Kanpur 161 Policemen Missing: उत्तर प्रदेश के कानपुर पुलिस कमिश्नरेट से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ प्रशासन को सकते में डाल दिया है, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था और अनुशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, कानपुर में तैनात 161 पुलिसकर्मी और अधिकारी पिछले कई हफ्तों और महीनों से बिना सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित हैं।
ये सभी पुलिसकर्मी छुट्टी लेकर गए थे लेकिन निर्धारित समय पर वापस नहीं लौटे। विभागीय प्रयासों के बावजूद जब इनका कोई अता-पता नहीं चला, तो अब इन्हें ‘डिसलोकेट’ श्रेणी में डालकर सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कौन हैं ये ‘गायब’ पुलिसकर्मी?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गायब पुलिसकर्मियों में चारों जोन, पुलिस लाइन, यातायात शाखा, और कमिश्नरेट कार्यालय में तैनात जवान और अधिकारी शामिल हैं। इनमें से कुछ पुलिसकर्मी केवल कुछ दिनों से ड्यूटी पर नहीं आए हैं, जबकि कई ऐसे हैं जो तीन से छह महीने से लापता हैं।
पुलिस विभाग ने इन कर्मियों को ड्यूटी पर वापस लाने के लिए दो बार उनके होमटाउन में पत्र भेजे, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला। कई पुलिसकर्मियों के मोबाइल नंबर भी बंद आ रहे हैं, जिससे उनकी लोकेशन ट्रैक करना और भी मुश्किल हो गया है।
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अनुशासनहीनता की श्रेणी में मामला
पुलिस विभाग के नियमों के अनुसार, कोई भी पुलिसकर्मी छुट्टी समाप्त होने के बाद निर्धारित अवधि के भीतर ड्यूटी पर रिपोर्ट करने के लिए बाध्य होता है। अनुपस्थित रहना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है और इस पर निलंबन या सेवा समाप्ति जैसी सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
कार्रवाई के लिए रहें तेयार
पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) एस.एम. कासिम आबिदी ने बताया, “जो पुलिसकर्मी बिना सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित हैं, उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पुलिस विभाग में छुट्टी लेना एक जटिल प्रक्रिया है और कई बार पारिवारिक, मानसिक या स्वास्थ्य कारणों से कर्मी दबाव में रहते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वे बिना सूचना दिए महीनों तक ड्यूटी से गायब हो जाएं।
विभागीय कार्रवाई और रिपोर्टिंग प्रक्रिया शुरू
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने गायब कर्मचारियों की सेवा फाइलें खंगालनी शुरू कर दी हैं और विस्तृत रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जा चुकी है। रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मी महाकुंभ ड्यूटी के बाद से वापस नहीं लौटे। वहीं, कुछ ने बीमारी या पारिवारिक कारणों का हवाला देकर छुट्टी ली थी, लेकिन अब तक हाजिर नहीं हुए। कुछ मामलों में पुलिसकर्मी विभागीय जांच से बचने के लिए भी जानबूझकर ड्यूटी से गायब हो रहे हैं।
विभागीय विरोधाभास: 161 या 50 पुलिसकर्मी?
हालांकि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 161 की संख्या थोड़ी बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई है। असल में गैरहाजिर पुलिसकर्मियों की संख्या लगभग 50 से कम हो सकती है। इस पर अभी डेटा सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।
पुलिस लाइन में करीब 2000 पुलिसकर्मी तैनात हैं, जिसमें से 35 के ड्यूटी से अनुपस्थित होने की पुष्टि हुई है। बाकी जोन से भी उपस्थिति का डेटा जुटाया जा रहा है ताकि सही संख्या पता लगाई जा सके।
सोशल मीडिया पर भी हुआ बवाल
यह मामला सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। लोगों ने इसे कानून-व्यवस्था के प्रति प्रशासन की लापरवाही बताया है। एक यूजर ने लिखा, “161 पुलिसकर्मी गायब हैं और विभाग केवल नोटिस भेज रहा है?” कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि जब फील्ड में पहले से ही स्टाफ की भारी कमी है, तो इतने लोगों के गायब हो जाने से शहर की सुरक्षा व्यवस्था कैसे संभाली जा रही है?
भविष्य में क्या कदम उठाएगा पुलिस विभाग?
इस पूरे घटनाक्रम से सबक लेते हुए पुलिस विभाग ने अब छुट्टी प्रणाली को सख्त और पारदर्शी बनाने की योजना बनाई है। जो पुलिसकर्मी बिना सूचना के अनुपस्थित रहते हैं, उनके खिलाफ तेज कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल सर्टिफिकेट के बहाने ड्यूटी पर देरी से लौटने वाले कर्मियों के लिए भी नई गाइडलाइन तैयार की जा रही है। पुलिस कमिश्नर ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं और जल्द ही स्पष्ट रिपोर्ट सामने आने की उम्मीद है।
क्या यह सिस्टम फेलियर है?
161 पुलिसकर्मियों का एक साथ गायब होना केवल व्यक्तिगत अनुशासन की कमी नहीं, बल्कि प्रशासनिक निगरानी तंत्र की विफलता को भी दर्शाता है। पुलिस विभाग में मानसिक दबाव, कार्य का अत्यधिक बोझ, और छुट्टी न मिलने की जटिल प्रक्रिया जैसे मुद्दे वर्षों से मौजूद हैं। इस घटनाक्रम ने इन सभी समस्याओं को फिर से उजागर कर दिया है।
इस मामले को लेकर पुलिस विभाग अब कठोर कदम उठाने की तैयारी में है, लेकिन इससे पहले यह समझना होगा कि पुलिस बल में मानव संसाधन प्रबंधन और वेलफेयर नीतियों में किस स्तर पर सुधार की आवश्यकता है।
FAQ’s
1. कानपुर में कितने पुलिसकर्मी बिना सूचना के ड्यूटी से गायब हैं?
उत्तर: प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, 161 पुलिसकर्मी बिना सूचना के ड्यूटी से गायब हैं। हालांकि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, वास्तविक संख्या 50 के आसपास हो सकती है और डेटा सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।
2. इन गैरहाजिर पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?
उत्तर: जो पुलिसकर्मी अनुशासनहीनता के तहत बिना सूचना के गायब हैं, उनके खिलाफ निलंबन, सेवा समाप्ति, या अनुशासनात्मक जांच जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने सेवा फाइलों की जांच और मुख्यालय को रिपोर्ट भेजनी शुरू कर दी है।
3. पुलिस विभाग आगे क्या कदम उठाने जा रहा है?
उत्तर: छुट्टी लेने की प्रक्रिया को सख्त और पारदर्शी बनाया जाएगा। बिना सूचना के गायब रहने वाले कर्मियों के लिए नई गाइडलाइन लाई जाएगी और मेडिकल बहानों पर भी सख्ती से जांच की जाएगी। पुलिस कमिश्नर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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