हाइलाइट्स
- भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा श्रद्धा और उत्साह के साथ निकाली गई
- अष्टकोणीय दिव्य रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले
- ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के श्रद्धालु इस धार्मिक आयोजन
UP Jagannath Rath Yatra 2025: भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथ यात्रा 2025 पूरे उत्तर प्रदेश में भव्यता और श्रद्धा के साथ निकाली गई। यह यात्रा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि एकता, प्रेम और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है।
यूपी के प्रमुख शहरों में दिखा भक्ति का उत्साह
वाराणसी में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ स्वामी अपने अष्टकोणीय दिव्य रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। सुबह स्नान, श्रृंगार और आरती के बाद उन्हें रथ पर विराजमान किया गया। रथ यात्रा चौराहे पर हजारों श्रद्धालु भगवान के दर्शन को उमड़ पड़े, इस मौके पर भगवान को पीले पुष्पों और पीत वस्त्रों से श्रृंगारित किया गया था। भोग में कोहड़े की सब्ज़ी, पूड़ी और हलवा परोसा गया। इसके पश्चात श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण हुआ। यह आयोजन काशी में पर्व-सत्र के पहले लक्खा मेले की शुरुआत का प्रतीक भी रहा।
श्रद्धा और उत्साह का संगम
राजधानी लखनऊ, रामनगरी अयोध्या और बाराबंकी में भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा श्रद्धा और उत्साह के साथ निकाली गई। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के श्रद्धालु इस धार्मिक आयोजन में बढ़-चढ़कर शामिल हुए बाराबंकी में मंजुला निगम, अनीता गुप्ता और महिला मंडल द्वारा रथ यात्रा का आयोजन किया गया। श्री कल्याणेश्वर महादेव मंदिर शनिधाम से भी एक भव्य रथ यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
प्रयागराज में भक्ति का सागर
प्रयागराज में भी रथ यात्रा का आयोजन भव्य स्तर पर किया गया। श्रद्धालुओं ने लकड़ी के सुसज्जित रथों को खींचा और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। रथ यात्रा केवल उड़ीसा के पुरी में ही नहीं, बल्कि अब पूरे देश में आस्था और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। यह पर्व सांस्कृतिक एकता, धार्मिक सहिष्णुता और समरसता का संदेश देता है।
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इटावा के दादरपुर गांव में कथावाचक की जातिगत पिटाई और अपमान का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर अब उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि “शादी और पूजा-पाठ कराने का काम ब्राह्मणों का है, यदि इसे यादव समाज का व्यक्ति करेगा तो दिक्कत तो होगी ही।” मंत्री राजभर ने घटना की निंदा तो की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि हर जाति का समाज में एक काम होता है और उसी के अनुसार सबको चलना चाहिए। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें