हाइलाइट्स
-
उत्तर प्रदेश में GPF घोटाला
-
रडार पर कई जिलों के अधिकारी
-
EOW से कराई जा सकती है जांच
UP GPF Scam: बेसिक शिक्षा विभाग में सामान्य भविष्य निधि (GPF) में घोटाले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। 2003 से 2013 तक तैनात रहे अधिकारियों की जानकारी खंगाली जा रही है। इनमें कई अधिकारी अभी बस्ती, बुलंदशहर से लेकर एटा और लखनऊ तक में पोस्टेड हैं। ये सभी अधिकारी जांच की रडार पर हैं। जो अधिकारी दोषी पाए जाएंगे वे सभी नपेंगे।
ये अधिकारी रडार पर
संजय शुक्ला, एडीए, बेसिक बस्ती
मुकेश कुमार सिंह, वरिष्ठ विशेषज्ञ बालिका शिक्षा, परियोजना कार्यालय, लखनऊ
लक्ष्मीकांत पांडेय, बीएसए, बुलंदशहर
एबीएसए चंद्रभूषण सिंह, नोएडा
राजलक्ष्मी पांडेय, बुलंदशहर
माजुद्धीन अंसारी, मैनपुरी
EOW से कराई जा सकती है जांच
GPF घोटाला बड़े स्तर पर हुआ है। इसलिए इसकी जांच EOW से कराने की तैयारी है।
ऐसे हुआ था घोटाले का खुलासा
टप्पल ब्लॉक के रिटायर्ड टीचर जगदीश प्रसाद की शिकायत के बाद घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। तत्कालीन DM ने सीनियर कोषाधिकारी और नगर मजिस्ट्रेट विनीत कुमार से जांच कराई। इसमें पता चला कि डिपार्टमेंट ने जो अभिलेख उपलब्ध कराए वे अपूर्ण, अहस्ताक्षरित, फटे हुए और बीच-बीच में पन्ने गायब हैं। इसलिए धनराशि का सही आंकलन संभव नहीं है।
4.92 करोड़ के गबन की आशंका
शासन के आदेश पर मामले की जांच तत्कालीन वित्त लेखाधिकारी प्रशांत कुमार औक डायट प्राचार्य डॉ. इंद्र प्रकाश सिंह सोलंकी ने की थी। 7 जनवरी 2022 को रिपोर्ट शासन को दी गई। इसमें कुल 4.92 करोड़ रुपये के गबन-अनियमितता की आशंका जताई। अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा के आदेश पर बीएसए डॉ. राकेश सिंह ने बन्नादेवी थाने में केस दर्ज कराया। इसमें 11 बीएसए, 34 खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ), 10 वित्त और लेखाधिकारी सहित कई कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है।
ये खबर भी पढ़ें: क्या आपको भी उलझाता है AC का रिमोट कंट्रोल, यहां जानें रिमोट के फंक्शन और उनके मायने
10 सालों में तैनात रहे सभी अधिकारियों की जांच
CO राजीव द्विवेदी ने बताया कि 2003 से 2013 तक के अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज को देखा जाएगा। जांच की जाएगी कि किस पटल पर कैसे गड़बड़ी हुई थी। इस अवधि के सभी दस्तावेज खंगाले जाएंगे। घोटाले की जांच शुरू हो गई है। 10 सालों में तैनात रहे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी जुटाई गई है। कई अधिकारियों और कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है। ऐसे में इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से कराई जाएगी। इसके लिए पत्र लिखा जाएगा।
यूपी में तबादलों का दौर जारी, 32 IPS के बाद 16 आईपीएस इधर से उधर, देखें पूरी डीटेल्स
UP 16 IPS Transfer: उत्तर प्रदेश में अफसरों के तबादलों दौर लगातार जारी है। बीते दिन मंगलवार को 32 IPS के ट्रांसफर के बाद फिर एक बार ताबदला एक्सप्रेस दौड़ पड़ी है और 16 आईपीएस इधर से उधर कर दिया गया है। यह निर्णय प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लिया गया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…