हाइलाइट्स
- याचिका सीतापुर जिले के 51 स्कूली बच्चों की ओर से दायर की गई
- याचिका पर सुनवाई के लिए 3 जुलाई 2025 की तारीख तय
- राज्य सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया
UP Govt School Merger: उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राथमिक स्कूलों के विलय (मर्जर) के आदेश को लेकर बड़ा मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने याचिका पर सुनवाई के लिए 3 जुलाई 2025 की तारीख तय की है। यह याचिका सीतापुर जिले के 51 स्कूली बच्चों की ओर से दायर की गई है, जिसमें 16 जून 2025 को बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश को चुनौती दी गई है। इसी संबंध में एक अन्य याचिका भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
क्या है विवाद का कारण?
राज्य सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत बच्चों की संख्या के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज (विलय) किया जाना है। याचियों का कहना है कि यह आदेश नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा कानून (RTE Act) का उल्लंघन करता है।
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छोटे बच्चों को होगी असुविधा
याचिका में कहा गया है कि इस मर्जर नीति से छोटे बच्चों को दूरस्थ स्कूलों में भेजा जाएगा, जिससे उनकी सुरक्षा, पहुंच और शिक्षा पर असर पड़ेगा। याचकों ने मांग की है कि मर्जर की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।
कोर्ट की कार्यवाही और पक्षकार
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता (CSC) शैलेंद्र कुमार सिंह उपस्थित हुए, जबकि याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता डॉ. एल पी मिश्रा और गौरव मेहरोत्रा पेश हुए। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई, गुरुवार की तारीख तय की है।
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उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी निगम के गठन की औपचारिकताएं लगभग पूरी हो गई हैं। जल्द ही इसका कैबिनेट से अनुमोदन होने की संभावना है। इस निगम के तहत आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 18000 रुपये मानदेय दिए जाने का प्रस्ताव है। मानदेय सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से ही दिया जाएगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें