UP Budget 2025-26 LIVE Updates: उत्तरप्रदेश की योगी सरकार की ओर से आज 20 फरवरी गुरुवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना प्रदेश का 9वां बजट पेश करते हुए कई बड़ी घोषणाएँ कीं।
युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की शुरुआत होगी. बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे का निर्माण के लिए 50 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया है.
वित्त मंत्री 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ का बजट पेश कर रहे हैं। आपको बता दें इस बार का बजट पिछले बजट से 9 फीसदी से भी ज्यादा है।
UP Budget 2025: टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए 300 करोड़ का ऐलान, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना को 1000 करोड़
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बजट के मुख्य बिन्दू
मुख्यमंत्री ग्राम जोड़ो योजना हेतु मध्यम श्रेणी की इलेक्ट्रिक बसों के क्रय हेतु 100 करोड़ रुपये तथा चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
दुग्ध विकास
नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत 203 करोड़ रुपये का प्रावधान कराया जा रहा है।
मछली पालन
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत पुरूष लाभार्थियों के लिये 195 करोड़ रुपये तथा महिला लाभार्थियों के लिये 115 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
कृषि
● प्रदेश में दलहनी एवं तिलहनी फसलों के क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से निःशुल्क मिनीकिट वितरण के लिए दोनों योजनाओं हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश को प्रमाणित बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये उत्तर प्रदेश बीज स्वावलम्बन नीति, 2024 के अन्तर्गत प्रदेश में सीड पार्क विकास परियोजना संचालित है, जिसके लिये 251 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● नेशनल मिशन आन नेचुरल फार्मिंग योजना के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में प्राकृतिक खेती का कार्यक्रम संचालित किया जायेगा, जिसके लिय 124 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● पीएम. कुसुम योजना के अन्तर्गत कृक्षकों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा रही है जिसके लिये 509 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● कृषि क्षेत्र की क्षमता एवं कौशल विकास तथा उत्पादन वृद्धि की योजना के लिये 200 करोड़ रुपये एवं विश्व बैंक सहायतित यू.पी. एग्रीज परियोजना के लिये 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
कृषि शिक्षा एवं अनुसन्धान
● कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार कार्यों में गतिशीलता बनाये रखने तथा प्रभावी परिणाम कृषकों को उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश में पाँच कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थापित हैं।
● प्रदेश में 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना की गयी है। प्रदेश में कुल 89 कृषि विज्ञान केन्द्र संचालित हैं।
● जनपद कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में शोध कार्यक्रम हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश में स्थापित कृषि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में विभिन्न कार्यों हेतु लगभग 86 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं।
नागरिक उड्डयन
प्रदेश में 4 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जेवर एयरपोर्ट के शीघ्र ही संचालित होने के साथ प्रदेश में 5 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हो जायेंगे।
वाराणसी, अलीगढ़ तथा श्रावस्ती एयरपोर्ट का विस्तार, गोरखपुर एयरपोर्ट पर नये टर्मिनल भवन का विकास, आगरा एयरपोर्ट पर नये सिविल एवं तत्संबंधी सुविधाओं का विकास तथा ललितपुर स्थित हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति
● प्रदेश में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त 2.67 करोड ग्रामीण परिवारों को क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान कर शुद्ध एवं सत्त पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
● उक्त लक्ष्य के सापेक्ष 2.34 करोड़ घरों में क्रियाशील गृह नल संयोजन उपलब्ध कराया जा चुका है।
● पीने का पानी घर में उपलब्ध होने का महत्व वहीं समझ सकता है जिसके पास यह सुविधा नहीं हो और जिसके घर की महिलाओं, बच्चों को पीने के पानी के लिये दूर-दराज से पानी भरकर लाने के लिये रोज घर से निकलना पड़ता हो।
● घरों में नल से पानी उपलब्ध होने से इन परिवारों को बहुत बड़ी राहत मिली है-
● गंगा को प्रदूषण से मुक्त बनाये रखने एवं उसमें दूषित जल का उत्प्रवाह रोकने के लिये सीवरेज संबंधी कुल 67 परियोजनाएं स्वीकृत हुई है, जिनकी कुल स्वीकृत लागत 14,823 करोड़ रूपये है।
● वर्तमान तक 39 परियोजनाएं पूर्ण कर संचालित की जा रही है तथा शेष परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।
● जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण पेयजल योजनाओं के लिये सामुदायिक अंशदान हेतु 4500 करोड़ रुपये तथा जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत अनुरक्षण एवं संचालन हेतु करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिये 1100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग
● मध्य गंगा नहर परियोजन स्टेज-2, कनहर सिंचाई परियोजना, महाराजगंज में रोहिन नदी बैराज के पूर्ण होने पर 4.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचन क्षमता सृजित होगी जिससे 6.77 लाख कृषक लाभान्वित होंगे।
● विभिन्न जनपदों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण, 2100 नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
● इन कार्यों से लगभग 238 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना होगी तथा लगभग 2.12 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।
● नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1300 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश के 1750 असफल नलकूपों के पुनर्निर्माण हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● डार्क जोन के असफल 569 नलकूपों के लिये लगभग 9 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
● प्रदेश सरकार द्वारा 1551 बाढ़ परियोजनायें पूर्ण की गयी जिससे 32.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सुरक्षित हुआ है तथा करोड़ों की आबादी लाभान्वित हुई है।
प्रदेश में चार नए एक्सप्रेस वे का होगा नया निर्माण
● राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में चार नये एक्सप्रेस-वेज के निर्माण का निर्णय लिया गया है।
● आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जायेगा, जिसके लिये 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली होते हुये सोनभद्र से जोड़ने के लिये विन्ध्य एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है।
● बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है।
● बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर परियोजना हेतु लगभग 461 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अन्तर्गत लगभग साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है।
● लखनऊ में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स सिटी के विकास हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● साईबर सुरक्षा में टेक्नोलॉजी ट्रान्सलेशन रिसर्च पार्क की स्थापना हेतु 3 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम
● प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।
● एम.एस.एम.ई. सेक्टर एक महत्वपूर्ण रोजगार परक सेक्टर है, इस प्रकार इन उद्यमों के विकास से जहाँ प्रदेश का समावेशी विकास होता है, वहीं रोजगार सृजन की असीम सम्भावनाएं भी उत्पन्न होती हैं।
● प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से वर्ष 2024-2025 में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान प्रारम्भ किया गया है।
● योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेतु 225 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग
● हथकरघा उद्योग कृषि क्षेत्र के बाद उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीयकृत कुटीर उद्योग है।
● प्रदेश में लगभग 1.91 लाख हथकरघा बुनकर एवं लगभग 80 हजार हाउस होल्ड हैं।
● प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से लगभग 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं।
● पीएम मित्र योजना के अन्तर्गत टेक्सटाइल पार्क की स्थापना से सम्बन्धित व्यय हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● उत्तर प्रदेश वस्त्र गारमेन्टिंग पालिसी, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है।
● अटल बिहारी बाजपेई पॉवरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सड़क एवं सेतु
● प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक का प्रदेश सरकार के लक्ष्य के दृष्टिगत प्रदेश में नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के विकास हेतु मार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढीकरण/निर्माण की योजना प्रारम्भ की गयी है, जिसके लिये 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश में सेतुओं एवं रेल उपरिगामी/अधोगामी सेतुओं के निर्माण हेतु कुल 1450 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढीकरण कार्यों हेतु 2900 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रुपये तथा निर्माण हेतु 2800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश के ग्रामीण मार्गों एवं पुलियों के अनुरक्षण हेतु 2700 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है।
● कृषि विपणन सुविधाओं हेतु ग्रामीण सेतुओं के निर्माण के लिये 1600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● शहर वासियों के आवागमन को सुगम बनाने के दृष्टिगत शहरों के बाईपास एवं रिंगरोड तथा चौराहों पर फ्लाईओवर आदि के निर्माण हेतु 1200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● औद्योगिक / लॉजिस्टिक पार्क हेतु मार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढीकरण/निर्माण कार्य हेतु 800 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● मुख्यमंत्री ग्राम योजनान्तर्गत ग्रामीण मार्गों के नवनिर्माण पुनर्निर्माण / मिसिंग लिंक के निर्माण हेतु नई योजना प्रारम्भ की जा रही है। इस योजना हेतु 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों के सुधार, रोड सेफ्टी कार्यों एवं सौन्दयीकरण हेतु 250 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
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