हाइलाइट्स
- 3 से 5 जून तक राम मंदिर परिसर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा
- शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण जी की मूर्ति 30 मई को अयोध्या पहुंचेगी
- छह जून से श्रद्धालुओं के लिए सप्त मंडपम व परकोटा मंदिर खुलेंगे
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में एक बार फिर भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां चल रही हैं। इस बार यह उत्सव शेषावतार मंदिर, सप्त मंडपम और परकोटा स्थित मंदिरों की मूर्तियों की प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित किया जा रहा है। समारोह 3 से 5 जून तक चलेगा, जबकि पांच जून में गंगा दशहरा के अवसर पर सभी मूर्तियों की एक साथ प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
लक्ष्मण जी की मूर्ति 30 मई को पहुंचेगी अयोध्या
शेषावतार मंदिर में भगवान लक्ष्मण की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। यह मूर्ति करीब साढ़े चार फीट की होगी और इसे वनवासी वेष में दर्शाया गया है। सफेद संगमरमर के पत्थर से बनी यह प्रतिमा जयपुर, राजस्थान में तैयार की जा रही है और 30 मई को अयोध्या पहुंचेगी। मूर्ति निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है।
परकोटा और सप्त मंडपम के मंदिर दर्शन के लिए होंगे खुलें
गंगा दशहरा के दिन प्राण प्रतिष्ठा के बाद, छह जून से श्रद्धालु परकोटा और सप्त मंडपम के मंदिरों में दर्शन कर सकेंगे। हालांकि, शेषावतार मंदिर का निर्माण कार्य अभी 20 फीसदी शेष है, जिससे लक्ष्मण जी के दर्शन के लिए भक्तों को कुछ समय और इंतजार करना होगा।
ये भी पढ़ें- चमड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई नीति और सब्सिडी की घोषणा, 25 से 80% छूट मिलेगी…
जुलाई के अंत तक पूरा होगा निर्माण
शेषावतार मंदिर की ऊंचाई लगभग 30 फीट होगी और इसमें वंशीपहाड़पुर के करीब 17,500 घनफुट लाल पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। मंदिर के शिखर पर कलश और उसके ऊपर ध्वज दंड स्थापित किया जाएगा। राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने जानकारी दी कि यह मंदिर जुलाई के अंत तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।
सभी 14 मंदिरों के लिए प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी
डॉ. मिश्र ने बताया कि राम मंदिर परिसर में बनाए जा रहे 14 मंदिरों की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के लिए भी तीन दिवसीय उत्सव की रूपरेखा तैयार की जा रही है। यह आयोजन भव्य होगा और इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।
UP News: बलिया के 315 गांवों में लोग ज़हरीला पानी पीने को मजबूर, आर्सेनिक से अब तक 60 से ज्यादा की मौत
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बेलहरी ब्लॉक के गंगापुर गांव के तिवारी टोला सहित 315 गांवों में लोग मौत का पानी पीने को मजबूर हैं। इन गांवों में भूजल में घुला हुआ आर्सेनिक लोगों की ज़िंदगी को धीरे-धीरे खत्म कर रहा है। अब तक 60 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और हजारों ग्रामीण चर्म रोग, सांस की बीमारियों और कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें