FPAI Course: फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफपीएआई) की ग्वालियर ब्रांच डिप्लोमा कोर्स करा रही है। जहां छात्र-छात्राओं को रोजगार का लालच देकर पैरामेडिकल ट्रेनिंग दी जा रही है। इस ट्रेनिंग में महज 4 महीनों में जनरल ड्यूटी, लैब सहायक, इंजेक्शन लगाना, ड्रिप चढ़ाना, बीपी नापना सहित अन्य स्किल सिखा दिए जाते हैं। इसके बाद इन बच्चों को निजी अस्पताल में कुछ समय ट्रेनिंग देने के बाद एक डिप्लोमा सर्टिफिकेट भी दे दिया जाता है, जिससे छात्रों को रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद होती है। ऐसे में बेसिक ट्रेनिंग किए हुए छात्रों से मरीजों के लिए कई बार जोखिम कि स्थित बन जाती है। जिसपर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
FPAI की ग्वालियर ब्रांच करा रही कोर्स
फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FPAI Course) की ग्वालियर ब्रांच द्वारा गोले का मंदिर स्थित सेंटर पर पैरामेडिकल कोर्स (Paramedical courses) चलाया जा रहा है, लेकिन पड़ताल में पता चला कि यह कोर्स मध्य प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल से मान्यता प्राप्त नहीं है। इससे बड़ा सवाल उठता है कि इस कोर्स को करने वाले छात्र अस्पताल में इलाज की प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं या नहीं। क्या उनकी डिग्री वैध होगी? क्या वे मरीजों के इलाज में भाग लेने के योग्य होंगे?
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अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए
मध्य प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार, डॉ. शेलोज जोशी के अनुसार, पैरामेडिकल काउंसिल (Paramedical Council) में दो साल का डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है, साथ ही तीन और चार साल के डिग्री कोर्स भी उपलब्ध हैं। लेकिन छह महीने का डिप्लोमा कोर्स नहीं होता है। इसलिए, जिस संस्था के कोर्स की चर्चा हो रही है, उसे मध्य प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल से मान्यता नहीं मिली है। डॉ. जोशी का मानना है कि ऐसे संस्थान के खिलाफ स्थानीय अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए।
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