Savitri Thakur: मध्य प्रदेश में स्कूल प्रवेश उत्सव के एक कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर के गलत स्लोगन लिखने के बाद से उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है. विपक्ष भी हमलावर है कि एक राज्यमंत्री सही से हिंदी का एक वाक्य नहीं लिख पा रही हैं. दरअसल कार्यक्रम के दौरान राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा गलत अशुद्ध हिंदी के साथ लिखा था. इसके बाद उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
‘बोर्ड पर लिखा बेढी पडाओ, बच्चाव’
सावित्री ठाकुर मोदी कैबिनेट में महिला बाल विकास विभाग की राज्य मंत्री हैं. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बोर्ड पर लिखा- बेढी पडाओ बच्चाव इसके बाद उनका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. जिसमें उन्हें ट्र्रोल किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि केंद्रीय राज्यमंत्री सही से हिंदी का एक वाक्य भी नहीं लिख पा रही हैं.
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी उठाए सवाल
ये कैसा नेतृत्व …?? क्या प्रधानमंत्री @narendramodi जी को अपनी सरकार में सिर्फ #Rubber_Stamp मंत्री ही चाहिए?
जनप्रतिनिधि कैसा होना चाहिए इसका कोई मापदंड तो तय नहीं है, पर कम से कम उसे अक्षरज्ञान तो होना ही चाहिए!#धार की #सांसद और केंद्रीय मंत्रिमंडल में महिला एवं बाल विकास… pic.twitter.com/n3TIx0RYs3
— Umang Singhar (@UmangSinghar) June 19, 2024
एमपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता उमंग सिघार ने लिखा कि जनप्रतिनिधि कैसा होना चाहिए, इसका कोई मापदंड तो तय नहीं है लेकिन कम से कम उसे अक्षर ज्ञान तो होना ही चाहिए. वहीं इस पर एमपी कांग्रेस ने लिखा कि मोदी के मंत्रियों के हाल देखिए: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर जी को शिक्षा जागरूकता रथ पर ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का स्लोगन लिखना था लेकिन मंत्रीजी ने “बेढी पडाओ बच्चाव”
बीजेपी का जवाब
बीजेपी की ओर से इस मामले पर जवाब दिया गया कि कार्यक्रम में जल्दबाजी में हुई छोटी सी गलती पर कांग्रेस हंगामा कर रही है. बीजेपी नेता मनोज सोमानी इससे उसकी आदिवासी विराधी सोच उजागर होती है. सावित्री जी की भावनाएं पवित्र हैं लेकिन कांग्रेस अपनी भावनाएं पवित्र नहीं कर पा रही है.
ये वजह भी आई सामने
मध्य प्रदेश की धार से सांसद चुनी गईं हैं. मोदी कैबिनेट में उन्हें महिला बाल विकास विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया है. चुनाव में नामांकन पत्र के अनुसार वे 12 वीं पास हैं. हालांकि इसमें एक पेंच ये भी है कि उनकी शिक्षा उर्दू बोर्ड से हुई है. इसी को वजह माना जा रहा है कि वे हिंदी उतने अच्छे से नहीं लिखा पाईं हैं.