Zero Waste Airport Indore: इंदौर का देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Ahilyabai Holkar International Airport) अब देश का पहला जीरो वेस्ट एयरपोर्ट बनने जा रहा है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ, इंदौर, जो पहले से ही देश का सबसे साफ शहर है, एक बार फिर से अपनी पहचान को और मजबूत कर रहा है। रविवार, 22 दिसंबर को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राममोहन नायडू (Kinjarapu Rammohan Naidu) इन नई सुविधाओं का उद्घाटन करेंगे।
नई सुविधाओं का लोकार्पण
कार्यक्रम के दौरान, सात मंजिला एटीसी (Air Traffic Control) भवन और तकनीकी ब्लॉक सहित 10 नई सुविधाओं का लोकार्पण होगा। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के नगरीय आवास और विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर सांसद शंकर लालवानी भी उपस्थित रहेंगे।
इंदौर एयरपोर्ट का विस्तार
इंदौर एयरपोर्ट को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लगातार विस्तार किया जा रहा है। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के साथ एयरपोर्ट विस्तार योजनाओं पर भी चर्चा की गई है। इसके तहत यात्री सुविधाओं के साथ-साथ उड़ानों की संख्या बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा।
इंदौर एयरपोर्ट की नई सुविधाएं
- सात मंजिला एटीसी टावर
- 55 करोड़ रुपये की लागत से बना यह नया टावर पुराने एटीसी टावर की तुलना में दोगुना क्षेत्र में फैला हुआ है।
- इसका कुल क्षेत्रफल 180 वर्ग मीटर है।
- तकनीकी ब्लॉक और फायर स्टेशन
- नया तकनीकी ब्लॉक 4,410 वर्ग मीटर में बनाया गया है।
- फायर स्टेशन का क्षेत्रफल 1,491 वर्ग मीटर है।
- उन्नत तकनीक और सुरक्षा
- नए एटीसी और तकनीकी ब्लॉक में अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जिससे हवाई यातायात नियंत्रण में और दक्षता आएगी।
- बेहतर फायर सेफ्टी के लिए नए मानकों को अपनाया गया है।
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इंदौर एयरपोर्ट: मध्य प्रदेश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा
देवी अहिल्या एयरपोर्ट राज्य का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के साथ-साथ यहां से देश के बड़े शहरों के लिए नियमित फ्लाइट्स संचालित होती हैं। नई सुविधाओं से यहां यात्री अनुभव और सुगम होगा।
देश का पहला जीरो वेस्ट एयरपोर्ट
इंदौर एयरपोर्ट की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इसे जीरो वेस्ट एयरपोर्ट (Zero Waste Airport Indore) के रूप में विकसित किया गया है। इसका मतलब है कि एयरपोर्ट परिसर में कचरे का शून्य उत्सर्जन होगा। इसके लिए विशेष प्रबंधन प्रणाली स्थापित की गई है, जिसमें जैविक कचरे से खाद बनाना और अन्य कचरे को पूरी तरह से पुनर्चक्रित करना शामिल है।
साफ-सफाई और पर्यावरण प्रबंधन में नेतृत्व
इंदौर शहर पहले ही स्वच्छता में अपनी अलग पहचान बना चुका है। अब यह एयरपोर्ट स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नई मिसाल पेश करेगा। इस पहल से अन्य शहरों और एयरपोर्ट्स को भी प्रेरणा मिलेगी।
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भविष्य की योजनाएं
इंदौर एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाओं और उड़ान विस्तार के लिए और भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। आगामी समय में एयरपोर्ट को और अधिक आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल बनाने पर जोर दिया जाएगा।
देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, इंदौर (Zero Waste Airport Indore) सिर्फ एक एयरपोर्ट नहीं, बल्कि स्वच्छता, पर्यावरण-संवेदनशीलता और आधुनिकता का प्रतीक बन रहा है। यह इंदौर को विश्व स्तरीय शहर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
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