Union Carbide Waste Disposal Case: यूनियन कार्बाइड के ज़हरीले कचरे के विनिष्टीकरण के मामले की सुनवाई 6 जनवरी 2025, सोमवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में हुई। मामले की सुनवाई एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने की।
सरकार ने प्रस्तुत किया हलफनामा
इस दौरान सरकार ने एक हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने बताया कि पीथमपुर में मिस पब्लिसिटी और फेक मीडिया रिपोर्ट्स के कारण हंगामा बरपा हुआ था। मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट से माँग की है कि कचरे के विनिष्टीकरण (Union Carbide Waste Disposal) के लिए अनुमति दी जाए और कंटेनर्स में भरे कचरे को अनलोड करने की अनुमति दी जाए। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा है कि इस तरह कंटेनर में जहरीला कचरा नहीं रखा जा सकता है।
सुनवाई के दौरान याचिका कर्ताओं की माँग
हाईकोर्ट ने सरकार को सावधानीपूर्वक और पूर्व निर्देशों के तहत कचरे से कंटेनर को अनलोड करने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई के दौरान, याचिका कर्ताओं ने माँग की है कि मामले में गठित हाई लेवल कमिटी को जाँच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए जाएं।
18 फ़रवरी को अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने पहले ही पूर्ण हानिकारक कचरे के विनिष्टीकरण के निर्देश दिए थे। याचिका कर्ताओं के अनुसार, भोपाल गैस कांड से जुड़े 11 मिलियन मीट्रिक टन ज़हरीले कचरे में से अभी तक सिर्फ़ 337 टन कचरा पीथमपुर में गया है। मामले की अगली सुनवाई 18 फ़रवरी को होगी।
ये था पिछला आदेश
जबलपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड परिसर का जहरीला कचरा एक माह में हटाने के निर्देश दिए हैं। इस सिलसिले में एक सप्ताह में संयुक्त बैठक कर सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने कहा गया है।
कोर्ट ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि कोई विभाग आदेश का पालन करने में विफल रहता है तो उसके प्रमुख सचिव के विरुद्ध अवमानना कार्रवाई की जाएगी। राज्य के मुख्य सचिव व भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग के प्रमुख सचिव को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा।
2004 से विचाराधीन है मामला
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि यह मामला 2004 से विचाराधीन है। जनहित याचिकाकर्ता एपी सिंह के निधन के बाद हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है।
दरअसल, भोपाल गैस त्रासदी के दौरान यूनियन कार्बाइड कंपनी से हुए जहरीले गैस रिसाव में चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में करीब 350 मीट्रिक टन जहरीले कचरा पड़ा है। इस जहरीले कचरा का विनिष्टीकरण होना चाहिए।
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केंद्र अपने हिस्से के 126 करोड़ दे चुका, राज्य शासन खर्च नहीं कर रहा
केंद्र शासन की ओर से अवगत कराया गया कि उसने अपने हिस्से के 126 करोड़ दे दिए हैें। राज्य शसन उसे खर्च नहीं कर रहा है। वहीं राज्य शासन की ओर से बताया गया कि उसने ठेकेदार को 20 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया है। संबंधित ठेकेदार ने कोई कार्य प्रारंभ नहीं किया है।
राज्य शासन तीन सप्ताह में प्रक्रिया को गति दे देगी। मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी ने जानकारी दी कि जहरीले कचरे का विनिष्टीकरण पीथमपुर में किया जाना है, जिसके लिए हम तैयार है। उनके पास 12 ट्रक उपलब्ध हैं, जिसका उपयोग राज्य सरकार जहरीले कचरे के परिवहन के लिए कर सकती है।
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