भोपाल। दुनिया की बड़ी त्रासदियों में गिने जाने वाले भोपाल गैस कांड के यूनियन कार्बाइड कारखाने को अब मेमोरियाल बनाने की तैयारी की जा रही है। गैस त्रासदी मंत्री विश्वास सारंग ने इसकी जानकारी दी है। 1984 में हुई भीषण औद्योगिक त्रासदी के बाद से यह फैक्ट्री बंद पड़ी है। सरकार अब इस बंद पड़ी फैक्ट्री में प्लाजा और रिसर्च सेंटर बनाने की तैयारी कर रही है। सारंग ने कहा कि इस साल के अंत तक मेमोरियल और रिसर्च सेंटर का काम शुरू कर दिया जाएगा।
फैक्ट्री के टैंक्स में पड़े जहरीले रासायनिक कचरे को ठिकाने लगाने के लिए इस महीने के अंत तक टेंडर जारी करने का प्लान है। इसके बाद से यहां काम शुरू हो जाएगा। सबसे पहले यहां के कचरे को ठिकाने लगाया जाएगा। जब यह जहरीला और खतरनाक कचरा ठिकाने लग जाएगा तो इस पर काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए साल के अंत तक का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे भयानक औद्योगिक त्रासदियों में से एक है। इस त्रासदी में हजारों लोगों ने जान गंवाई थी।
पीड़ितों को दी जाएगी नौकरी
यहां बनाए जाने वाले ‘भोपाल गैस त्रासदी स्मारक’ के संचालन और निगरानी के लिए गैस त्रासदी से पीड़ित 200 से ज्यादा लोगों को नौकरी दी जाएगी। हालांकि इसके लिए उन्हें पैरामीटर पूरा करना होगा। सारंग ने बताया कि इसके लिए मैपिंग की जा चुकी है। जल्द ही इस पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इस कैंपस में मेमोरियल वॉक भी बनेगी, जिसमें दिसंबर 1984 की रात में हुई गैस रिसाव की घटना को दिखाया जाएगा। बता दें कि भयानक गैस त्रासदी में भोपाल के हजारों परिवारों की जिंदगी पूरी तरह से प्रभावित हुई थी। इसके दंश से आज तक भी लोग उबर नहीं पाए हैं। की लोग आज भी उस घटना के बाद शारीरिक अक्षमता से जूझ रहे हैं। कई लोगों का इलाज आज भी अस्पतालों में चल रहा है। अब सरकार ने इस पर फैसला लिया है।