Union Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में यूनियन बजट 2025 पेश कर दिया है। इस बजट में वित्त मंत्री ने MSME सेक्टर को लेकर बड़ा ऐलान किया है। साथ ही छोटे व्यवसायों को लेकर भी बड़ी घोषणाएं की हैं। बजट में सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग एमएसएमई (MCGS-MSME) के लिए म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना को मंजूरी दे दी है। ये मंजूरी छोटे उद्योगों के लिए एक बहुत जरूरी कदम है।
छोटे व्यवसायों के लिए विशेष क्रेडिट कार्ड
बजट में छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स को एक विशेष क्रेडिट कार्ड की घोषणा की है। इस क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 लाख रुपये तक होगी। वहीं पहले साल में 10 लाख रुपये जारी किये जाएंगे।
MSME के लिए निवेश की सीमा बढ़ी
वित्त मंत्री ने एमएसएमई के लिए निवेश की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया है। MSME के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना तक बढ़ाई जाएगी। क्रेडिट कार्ड गारंटी को 20 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्राप्त करना आसान होगा। वहीं एमएसएमई क्रेडिट कार्ड का कवर 5 करोड़ से 10 करोंड तक बढ़ा दिया गया है।
माइक्रो एंटरप्राइज के लिए कस्टमाइज़्ड क्रेडिट कार्ड
वित्त मंत्री ने कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड की घोषणा की है। इस क्रेडिट कार्ड को छोटे व्यवसायों को उद्यम पोर्टल (Udyam portal) पर रजिस्टर किया जायेगा। इस क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 लाख रुपये होगी। वित्त मंत्री ने कहा ऐसे 10 लाख क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
स्टार्टअप्स के लिए वैकल्पिक निवेश कोष
वित्त मंत्री ने अपनी बजट स्पीच में बताया कि स्टार्टअप्स के लिए वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs) प्राप्त हो गए हैं। इसमें 91 हजार करोड़ से ज्यादा प्रतिबद्धताएं हैं। सरकार के योगदान के 10 हजार करोड़ के योगदान से फंड ऑफ फंड ने स्थापित किया है।
टॉय सेक्टर के लिए ग्लोबल हब बनाने का फैसला
केंद्र सरकार ने टॉय सेक्टर के लिए ग्लोबल हब बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत क्लस्टर, कौशल और एक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का विकास होगा। जो उच्च गुणवत्ता वाले और टिकाऊ खिलौनों का निर्माण करेगा। ये खिलौने ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे।
SC की महिलाओं के लिए 2 करोड़ का टर्म लोन
पहली बार शेड्यूल कास्ट की महिलाओं के लिए पांच साल तक के लिए 2 करोड़ रुपये का टर्म लोन देने की घोषणा की गई है। इससे उन्हें व्यवसाय में मदद मिलेगी।
फोकस प्रोडक्ट स्कीम
इस योजना के तहत भारत की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने पर काम किया जाएगा। फुटवियर और लेदर सेक्टर में ये फोकस उत्पाद योजना लागू की जाएगी। गैर-चमड़े की गुणवत्ता वाले जूते के उत्पादन के लिए आवश्यक मशीनरी उपलब्ध कराई जाएगी। लेदर के जूते और उत्पादों के निर्माण का सपोर्ट किया जाएगा। इस योजना से 22 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही 4 लाख करोड़ का टर्नओवर और 1.1 लाख करोड़ से ज्यादा को एक्सपोर्ट किया जाएगा।