Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लंबे वक्त से चर्चा में बना रहा है। इसका मतलब नागरिकों के लिए समान कानून तैयार करने और उसे कार्यान्वित करने से है। जिसका आधार कोई धर्म ना हो। फिलहाल देश में पर्सनल लॉ भी मौजूद हैं। जिसमें शादी, तलाक, गोद लेने, गुजारा भत्ता पर अलग-अलग नियम हैं।
समान नागरिक संहिता क्या है(What is Uniform Civil Code)
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म और जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। इसका अर्थ है एक निष्पक्ष कानून है, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है।
क्यों है अभी चर्चा में
समान नागरिक संहिता को लेकन मंगलवार यानि 27 जून 2023 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने UCC पर बयान दिया था, जिससे इस मुद्दे पर देशभर में बहस छिड़ गई। पीएम ने UCC का विरोध करने वालों से सवाल किया था कि आखिर दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल सकता है। पीएम मोदी ने ये भी कहा था कि संविधान में भी सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार का जिक्र किया गया है। ऐसे में बीजेपी ने तय किया है कि वो तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के बजाए संतुष्टिकरण के रास्ते पर चलेगी। पीएम मोदी के इस बयान के बाद विपक्षी दलों में हलचल मच गई है और UCC का मुद्दा एक बार फिर से गर्म हो गया है।
अनुच्छेद 44 क्या है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के मुताबिक, ‘राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा।’ यानी संविधान सरकार को सभी समुदायों को उन मामलों पर एक साथ लाने का निर्देश दे रहा है, जो वर्तमान में उनके संबंधित व्यक्तिगत कानूनों द्वारा शासित हैं। हालांकि, यह राज्य की नीति का एक निर्देशक सिद्धांत है, जिसका अर्थ है कि यह लागू करने योग्य नहीं है।
दुनिया के इन देशों में है Uniform civil code
भारत में इसे लेकर बड़ी बहस जारी रही है, वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश, पाकिस्तान, मलेशिया, तुर्की, इंडोनेशिया, सूडान और इजिप्ट जैसे कई देशों में Uniform civil code लागू किया जा चुका है।
भाजपा के एजेंडे में है यूनिफार्म सिविल कोड
सबसे पहले साल 1967 के आम चुनाव में , भारतीय जनसंघ ने अपने चुनावी मेनिफ़ेस्टो में पहली बार ‘समान नागरिक संहिता’ का स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया था। घोषणापत्र में वादा किया गया कि अगर जनसंघ सत्ता में आती है तो देश में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ लागू किया जाएगा। भाजपा के कई ऐसे मुद्दे थे जो कि जनसंघ के जमाने से ही चले आ रहे थे।
यह भी पढ़ें: Uniform Civil Code: UCC बिल लाने की तैयारी में मोदी सरकार
इनमें आर्टिकल 370 को हटाना, राम मंदिर शामिल थे। भाजपा की इसी महत्वाकांक्षी लिस्ट में समान नागरिक संहिता भी शामिल है। माना जा रहा है कि 2024 के चुनाव से पहले भाजपा का अगला टारगेट यूसीसी ही हो सकता है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के संकल्प पत्र में भी भाजपा ने इसे शामिल किया था।
ये भी पढ़ें:
World Biryani Day 2023: भारत में मशहूर इन टॉप बिरयानी को आपनें नहीं चखा तो क्या चखा
Kaam Ki Baat: एलन मस्क का ट्विटर यूजर्स के लिए नया नियम, अब एक दिन में पढ़ेंगे इतने ट्वीट
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत प्रयागराज जा रहे यात्रियों ने नाचकर जाहिर की खुशी
Kaam Ki Baat: केन्द्रीय कर्मचारियों को इस महीना मिला शानदार तोहफा, महंगाई भत्ते में जोरदार इजाफा
<<< Kya hai UCC, Uniform Civil Code in detail, Uniform Civil Code, UCC Kyu Jaruri, full form of UCC, यूनिफॉर्म सिविल कोड, kyu jari hai UCC par vivad, क्यों जारी है ucc में विवाद, यूनिफॉर्म सिविल कोड क्यों जरुरी, Importance Of UCC>>>