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हाइलाइट्स
पेश हुआ समान नागरिक संहिता
नहीं होंगे प्रश्नकाल व शून्यकाल
चार खंडों में यूसीसी रिपोर्ट
Uttarakhand UCC: उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल 2024 पेश कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 742 पेज का बिल पेश किया। अब इस पर चर्चा होगी।
https://twitter.com/i/status/1754744803420524982
विधानसभा में भाजपा का पूर्ण बहुमत होने से बिल पारित करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
https://twitter.com/ANI/status/1674692751273914368
ड्राफ्टिंग कमेटी ने UCC के ड्राफ्ट को 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था। सोमवार से उत्तराखंड विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। अब ड्राफ्ट सदन में रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा, "समान नागरिक संहिता की लंबे समय से सबको प्रतीक्षा थी। बहुत जल्द सबकी प्रतीक्षा समाप्त हो रही है।
मंगलवार को हम इसे विधानसभा में पेश करेंगे और आगे इस पर चर्चा होगी। मेरा अन्य दलों के साथियों से भी अनुरोध है कि इस चर्चा में सकारात्मक रूप से भाग लें।"
इतिहास में पहला मौका
देश के इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी विधानसभा में यूसीसी बिल लाया जा रहा है। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सरकार UCC से संबंधित विधेयक सदन में प्रस्तुत किया।
सोमवार को हुई विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इस महत्वपूर्ण विधेयक को देखते हुए आज प्रश्नकाल व शून्यकाल स्थगित रखने का निर्णय लिया गया।
विधानसभा में पेश किया जाएगा विधेयक
उत्तराखंड विधानसभा में आज समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी विधेयक सदन के पटल पर रखा जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की अध्यक्षता में सोमवार को विधानसभा कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में दूसरे दिन का एजेंडा तय किया गया।
ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि मंगलवार को सरकार सदन में यूसीसी बिल पेश करेगी। इसके विधायक बाद विधेयक पर चर्चा कराई जाएगी। फिर आगे की कार्यवाही होगी। माना जा रहा है कि पुष्कर सिंह धामी सरकार सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सुबह 11 बजे यूसीसी विधेयक को विधानसभा में पेश कर देगी।
800 पन्नों के ड्राफ्ट में 400 सेक्शन, ढाई लाख के मिले सुझाव
उत्तराखंड में UCC की एक्सपर्ट कमेटी ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें लगभग 400 सेक्शन है। और लगभग 800 पन्नों की इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में प्रदेशभर से ऑनलाइन और ऑफलाइन 2.31 लाख सुझावों को शामिल किया गया है।
20 हज़ार लोगों से कमेटी ने सीधे संपर्क किया है। इस दौरान सभी धर्म गुरुओं, संगठनों, राजनीतिक दलों, कानूनविदों से बातचीत की गई है। जिनके सुझावों को कमेटी ने यूसीसी ड्राफ्ट में शामिल किया है।
UCC ड्राफ्ट की बड़ी बातें
1- लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की शादी की उम्र 21 वर्ष होगी
2- विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
3- पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान कारण और आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्नी के लिए भी लागू होगा।
4- एक पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं हो सकेगी, यानी पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी।
5- उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर अधिकार होगा।
6- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन आवश्यक होगा। ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा।
7- अनुसूचित जनजाति के लोग इस परिधि से बाहर रहेंगे।
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