भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती अब ‘दीदी मां’ कहलाएंगी। 17 नवंबर को उनके संन्यास को 30 साल पूरे हो रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने करीब 17 ट्वीट किए और बचपन से लेकर संन्यास लेने, राजनीतिक और पारिवार के बारे में कई अहम बातें लिखी हैं। उमा भारती ने परिवारजनों को सभी बंधनों से मुक्त करने और खुद के भी पारिवार बंधनों से मुक्त होने की बात कही है।
14. मैंने भी निश्चय किया था कि अपने सन्यास दीक्षा के 30 वें वर्ष के दिन मैं उनकी आज्ञा का पालन करने लग जाऊंगी। यह आज्ञा उन्होंने मुझे दिनांक 17 मार्च, 2022 को रहली, जिला सागर में सार्वजनिक तौर पर माइक से घोषणा करके सभी मुनि जनों के सामने दी थी।
— Uma Bharti (@umasribharti) November 4, 2022
बता दें कि उमा भारती ने 17 नवंबर 1992 को अमरकंटन में दीक्षा ली थी। अब उमा भारती के इस बड़े ऐलान से राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। उमा भारती ने ऐलान किया है कि परिजनों का त्याग कर खुद को परिवार बंधनों से मुक्त कर रही हैं। उन्होने अपने नाम से भारती हटाने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि गुरु आज्ञा पर 17 नवंबर को आधिकारिक घोषणा की जाएगी। उमा भारती ने ट्वीट पर लिखा है कि “गुरु की बात मानी।” बता दें कि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज उमा भारती के गुरु हैं।
उमा भारती ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि अब आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ही मेरे गुरु हैं। गुरु आज्ञा पर 17 नवम्बर से परिवारजनों से सभी तरह के संबंध समाप्त कर विश्व को अपना परिवार बनाने का फैसला लिया।
उमा के बारे में –
– 3 मई 1959 को लोधी राजपूत परिवार में लिया जन्म
– टीकमगढ़ के डुंडा में हुआ जन्म
– 6वीं तक की पढ़ाई
– 1984: पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ी,और हारी
– 1989 में पहली बार खजुराहो से बनी सांसद
– 1991, 1996 और 1998 में जीती चुनाव
– 1999 में भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव जीती
– अटल जी के मंत्रिमंडल में बनी केंद्रीय मंत्री
– 2003 में उमा के नेतृत्व में बीजेपी MP में जीती
– उमा भारती को बनाया MP का मुख्यमंत्री
– 2004 में आडवाणी से बहस के बाद पार्टी से निलंबित
– 02004 में बीजेपी से बाहर कर दिया
– 2006 में ‘भारतीय जनशक्ति पार्टी’ बनाई
– 2011 में फिर से बीजेपी में शामिल
– 2012 में UP विधानसभा के महोबा के चरखारी से जीता चुनाव
– 2014 में झांसी से लोकसभा का चुनाव जीता
– 2014 में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बनीं
– 2019 में बीजेपी का उपाध्यक्ष किया नियुक्त
बीजेपी के वरिष्ठ नेता का बयान
उमाभारती के ट्वीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा का भी बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि उमा जी जिस प्रकृति की हैं वो सात्विक हैं और राजनीति को सात्विक करना चाहती थीं वो कर नहीं पाई। उन्हें सलाह है कि पूर्ण सन्यास की जगह वो राजनीति को सात्विक बनाने में लगी रहें। जितना सन्यास उन्होंने ले लिया वो पर्याप्त है, इससे ज्यादे की जरूरत नहीं है। अपनी मूल प्रवृत्ति से दूसरी प्रवृत्ति में आई हैं, कर नहीं पाई तो थक गई हैं। उमा जी संकल्प की धनी हैं, शराब बंद करने का संकल्प लिया तो अपना मेसेज देने में कामयाब रही हैं। उमा जी कभी परेशान होकर रण छोड़ने वाली नहीं हैं, वो परेशान कर सकती हैं हो नहीं सकती हैं।
कांग्रेस को विश्वास नहीं
उधर उमा भारती के सन्यास पर कांग्रेस विश्वास नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने एक बयान में कहा है कि ‘उमा जी संन्यास नहीं लेंगी। उनके बयान बार-बार बदलते रहते हैं। अनुभव यही कहता है।