Uma Bharti: मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने एक यूट्यूब वीडियो के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इस वीडियो में बताया गया है कि एक लेडी IPS नौकरानी बनकर पूर्व सीएम के घर पहुंचती है और उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपी में गिरफ्तार कर लेती है।
पूर्व सीएम की छवि धूमिल करने की हरकत
पूर्व सीएम उमा भारती (Uma Bharti) के निज सचिव उमेश गर्ग ने भोपाल क्राइम ब्रांच में FIR कराई। क्राइम ब्रांच ने BNS की धारा 336(4) और 356 (2) के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया है। शिकायत में लिखा गया है कि किसी ने जानबूझकर पूर्व सीएम की छवि धूमिल करने के मकसद से ये हरकत की है।
वीडियो में क्या है ?
यूट्यूब पर 45 सेकंड के वीडियो के वॉइसओवर में ये कहा गया कि ये एक ऐसी आईपीएस अफसर हैं, जो मुख्यमंत्री के काले कारनामे देखने उनके ही घर नौकरानी बनकर पहुंच गई। लेकिन बाद में जो हुआ उसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे। 40 सेकंड रुकिए। 2000 बैच की तेजतर्रार IPS अफसर दीपा दिवाकर मौदगिल उर्फ डी रूपा जिस राज्य में होती हैं, वहां कोई भी कानून का उल्लंघन नहीं कर सकता। यह चर्चा में तब आ गईं जब इन्हें पता चला कि मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ठेकेदारों से जबरदस्ती पैसे मांग रहीं हैं।
तभी रूपा जी मुख्यमंत्री के घर नौकरानी बनकर पहुंच गईं। जैसे ही उन्होंने मुख्यमंत्री को ठेकेदारों से पैसे मांगते देखा तभी रुपा जी ने अपना असली चेहरा दिखाया तो सभी के होश उड़ गए। आईपीएस अफसर डी रूपा ने मुख्यमंत्री को उनके ही घर से गिरफ्तार कर लिया। अब आप बताइए क्या हर आईपीएस ऑफिसर को अपना काम ऐसी ही ईमानदारी से करना चाहिए।
‘ये छवि खराब करने की कोशिश’
पूर्व मुख्यमंत्री के निज सचिव ने शिकायत में लिखा कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह रील जानबूझकर, शरारतवश पूर्व सीएम और भाजपा की वरिष्ठ नेता की छवि धूमिल करने, उनकी मानहानि करने की नीयत से फोटो और वीडियो में काट-छांट कर एडिट कर तथ्यहीन जानकारी यूट्यूब पर अपलोड कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है।
कौन हैं IPS डी रूपा ?
डी रूपा साल 2000 बैच की IPS ऑफिसर हैं। अभी वो कर्नाटक में पोस्टेड हैं। उन्होंने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 43 हासिल की थी। उनकी पहली पोस्टिंग धारवाड़ जिले में हुई थी। डी रूपा अपने राज्य में गृह सचिव का पद पाने वाली पहली महिला अफसर हैं। वे देश की पहली महिला पुलिस अधिकारी भी हैं, जिन्हें पुलिस डिवीजन में साइबर क्राइम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
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उमा भारती के विवाद का कर्नाटक से कनेक्शन
15 अगस्त 1994 को कर्नाटक के हुबली शहर में ईदगाह पर उमा भारती ने कथित रूप से झंडा लहराया था। इसके करीब 10 साल बाद उमा भारती के खिलाफ वारंट जारी किया गया था। उस समय उमा भारती मध्यप्रदेश की सीएम थीं। वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर कर्नाटक गईं और वहां कोर्ट में पेश हुई थीं।
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