हाइलाइट्स
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ब्रिटेन इलेक्शन में हारी कंजर्वेटिव पार्टी
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ऋषि सुनक ने किंग चार्ल्स को दिया इस्तीफा
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लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर बनेंगे पीएम
UK Election: ब्रिटेन में 200 साल में कंजर्वेटिव पार्टी की सबसे बड़ी हार हुई। UK इलेक्शन हारने के बाद बकिंघम पैलेस में भारतवंशी ऋषि सुनक ने किंग चार्ल्स को इस्तीफा सौंप दिया। लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर पीएम बनेंगे। लेबर पार्टी ने 14 साल बाद ब्रिटेन की सत्ता में वापसी की है।
ऋषि सुनक ने स्वीकारी हार
ब्रिटेन में सरकार बनाने के लिए 326 सीटें चाहिए होती हैं। सुनक को सिर्फ 120 सीटें मिलीं। लेबर पार्टी को 412 सीटें मिलीं। ऋषि सुनक ने हार स्वीकार करके पार्टी से माफी मांगी। उन्होंने नए पीएम कीर स्टार्मर को फोन करके जीत की बधाई दी।
भारत और ब्रिटेन के रिश्ते
भारत और ब्रिटेन के रिश्ते हमेशा से ही लगभग स्थिर रहे हैं। पूर्व पीएम ऋषि सुनक के कार्यकाल के दौरान भी दोनों देशों के रिश्ते सही रहे। दोनों देशों के रिश्तों में व्यापार अहम रहा। दोनों चाहते हैं कि मुक्त व्यापार समझौता हो जाए ताकि व्यापार को बिना रुकावट आगे बढ़ाया जा सके। दोनों देशों के बीच 2022-23 में 20.36 अरब डॉलर का व्यापार था, जो 2023-24 में बढ़कर 21.34 अरब डॉलर हो गया।
ये मुद्दा ब्रिटेन की दोनों पार्टियों के एजेंडे में शामिल
ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौता ब्रिटेन की दोनों पार्टियों के एजेंडे में शामिल है। कंजर्वेटिव पार्टी के मेनिफेस्टो में मुक्त व्यापार समझौते को लेकर लिखा गया कि हम भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर लगाएंगे साथ ही भारत के साथ टेक्नोलॉजी और रक्षा के क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेंगे।
टैरिफ कम करने की मांग
कंजर्वेटिव पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो के स्कॉटलैंड सेक्शन में बहुत समय से मांग की जा रही स्कॉच व्हिस्की से स्थायी रूप से टैरिफ हटाने की बात कही थी। ब्रिटेन में बहुत समय से मांग की जा रही है कि अमेरिकी सरकार से बात करके स्कॉच व्हिस्की से टैरिफ स्थायी रूप से हटाया जाए। ये भी डिमांड है कि मुक्त व्यापार समझौता के जरिए भारत में ब्रिटिश सामानों पर टैरिफ कम किया जाना चाहिए।
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स्टार्मर के पीएम बनने से भारत को फायदा
कीर स्टार्मर के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने से भारत को काफी फायदा होगा। स्टार्मर ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आएगी तो भारत के साथ नई रणनीतिक साझेदारी बनाई जाएगी। इसमें मुक्त व्यापार समझौता भी शामिल होगा।