हाइलाइट्स
- 118 किलो मीटर लंबी पंचकोशी यात्रा
- 50 हजार श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान
- क्राउड मैनेजमेंट के लिए लगाएंगे कैमरें
Ujjain Panchkoshi Yatra Singhastha 2028 Singhastha Crowd Management: अगले सप्ताह 23 अप्रैल, बुधवार से उज्जैन में पंचकोशी यात्रा (Ujjain Panchkoshi Yatra 2025 ) की शुरुआत होने जा रही है। जिसमें जिला प्रशासन ने करीब 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया है। ऐसे में प्रशासन यात्रा के मार्ग पर हेड काउंटिंग कैमरें (head counting cameras) लगा रहा है। ताकि हर पड़ाव पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का पता लगाया जा सके। इसे जिला प्रशासन 2028 सिंहस्थ महाकुंभ (Singhastha 2028) के क्राउड मैनेजेंट की प्रैक्टिस भी मान रहा है।
सिंहस्थ क्राउड मैनेजमेंट के लिए ये यात्रा महात्वपूर्ण प्रयोग
दरअसल, वर्ष 2028 में उज्जैन की शिप्रा नदी किनारे सिंहस्थ का आयोजन किया जाना है। जिसकी तैयारियां जोरो पर चल रही है। ऐसे में इस पंचकोशी यात्रा को जिला प्रशासन सिंहस्थ 2028 महापर्व से पहले एक महत्वपूर्ण प्रयोग मान रहा है। इससे सिहंस्थ के भीड़ प्रबंधन (Crowd Management Practice) को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।
यात्रा के 6 प्रमुख पड़ाव, 5 उप पड़ाव
यह पंचकोशी यात्रा 5 दिवसीय रहेगी। जो उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर से यात्रा शुरू होगी। इसका प्रमुख पड़ाव पिंगलेश्वर, करोहन, अंबोदिया, जैथल और उंडासा-पर होगा। यहां से यात्रा लौटेगी। शनि मंदिर त्रिवेणी, राघौपिपल्या, नलवा, सोडंग और केडी पैलेस उप पड़ाव है। भक्त शिप्रा नदी (Shipra) में स्नान के साथ करेंगे।
कैमरों से पता लगाएंगे किसी पड़ाव पर भीड़
प्रत्येक पड़ाव पर हेड काउंटिंग कैमरें (head counting cameras) लगाए जा रहे है। जिसके जरिए पता लगाया जाएगा कि यात्रा के किस पड़ाव पर कितने श्रद्धालु पहुंचे है। किसी पड़ाव पर सबसे ज्यादा भीड़ जुटी है और किस पड़ाव से भीड़ डायवर्ट करने की ज़रूरत है। पहली बार यात्रा मार्ग पर ये कैमरें लगाए जा रहे हैं। इससे भीड़ की वास्तविक आकलन किया जाएगा।
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क्या कहते हैं कप्तान साहब?
प्रशासन हेड काउंटिंग कैमरें आगामी सिंहस्थ के पहले बड़े आयोजन की तैयारी का हिस्सा मान रहा हैं। उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा कहते हैं कि हेड काउंटिंग कैमरों से रियल टाइम (real time) श्रद्धालुओं की संख्या की निगरानी होगी। इससे यह भी पता चलेगा कि व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं की संख्या के अनुसार पर्याप्त थीं है या नहीं।
प्रयागराज महाकुंभ जान गवां चुके भक्त
प्रयागराज के सिंहस्थ महाकुंभ (Praygraj mahakumbha) में असिमित भीड़ और उसके नियंत्रण में चूक की वजह से भगदड़ मची थी। जिसमें कुंभ स्नान करने वाले भक्तों को अपनी जान गंवाना पड़ी थी। इस घटना को उज्जैन 2028 के सिंहस्थ महाकुंभ के लिए एक सबक के रूप में देखा जा रहा है।
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