Ujjain Mahakal Temple: उज्जैन महाकाल में पैसे लेकर अवैध तरीके से दर्शन कराने का मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में गड़बड़ी रोकने के लिए धर्मस्व विभाग और प्रशासन द्वारा बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। अब मंदिर में गुप्त एवं सार्वजनिक दान के लिए क्यूआर कोड लगाए जाएंगे, ताकि कोई घोटाला न कर पाए।
कर्मचारियों को हर साल देना होगा शपथ पत्र
सोना-चांदी के रूप में मिलने वाले दान का हिसाब कैशबुक और ऑनलाइन अकाउंटिंग के जरिए होगा। वहीं, भ्रष्टाचार रोकने के लिए मंदिर में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों से हर साल उनकी प्रॉपर्टी का शपथ पत्र देना होगा। झूठी जानकारी देने पर केस दर्ज होगा व नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
मंदिर में होने वाले भ्रष्टाचार पर लगेगा लगाम
महाकाल मंदिर में कोई गड़बड़ी न कर पाए। इसलिए तीन फैसले लिए गए हैं। इन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा, जिससे मंदिर की आर्थिक एवं दान संबंधी व्यवस्था बेहतर होगी। साथ ही कोई भ्रष्टाचार नहीं कर पाएगा।
महाकालेश्वर मंदिर में गोल्ड-सिल्वर के रूप में दान आते हैं। इसमें गुप्त दान होता है, लेकिन आशंका है कि डोनेशन के नाम पर दुरुपयोग होगा।
मंदिर परिसर में लगेंगे क्यूआर कोड
मंदिर में रोज लाखों रुपये का दान आता है। इसमें कई लोग गुप्त दान करते हैं। बाहर से आए लोगों को पता नहीं होता कि दान कहां जा रहा है।
इसलिए मंदिर परिसर में क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। नकद दान को मंदिर के बैंक अकाउंट में प्रतिदिन जमा करने की व्यवस्था की जाएगी।
दक्षिण भारत के मंदिरों की तर्ज पर व्यवस्था
महाकालेश्वर मंदिर समिति में 306 कर्मचारी है व 700 से 800 प्राइवेट एजेंसी के कर्मचारी काम करते हैं। अवैध तरीके से श्रद्धालुओं से पैसे लेकर दर्शन कराने के मामले में बीते दिनों अधिकारी और कर्मचारी पकड़े गए थे।
बता दें तिरुपति बाजाली मंदिर सहित दक्षिण भारतीय मंदिरों में दान के लिए क्यूआर कोड की सुविधा पहले से है। अब उज्जैन महाकाल मंदिर में यह व्यवस्था लागू होगी।
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