हाइलाइट्स
- इंदौर-उज्जैन के बीच बनेगा ग्रीनफील्ड फोरलेन मार्ग।
- 29 गांवों से होकर गुजरेगा 48 किमी लंबा फोरलेन।
- नए मार्ग से बढ़ेगा रियल एस्टेट और निवेश का आकर्षण।
Indore Ujjain Greenfield Fourlane: बाबा महाकाल नगरी उज्जैन में साल 2028 में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ को लेकर तैयारियां जोरों पर है। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उज्जैन में रोड, ट्रेन से लेकर हवाई सेवाओं तक के विकास पर फोकस किया जा रहा है। अब आयोजन की तैयारियों के तहत उज्जैन और इंदौर के बीच 48 किमी लंबा ग्रीनफील्ड फोरलेन निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
यह सड़क 1370 करोड़ रुपए की लागत से बनेगी और 29 गांवों से होकर गुजरेगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी। इसके फोरलेन बनने से आवागमन में सुविधा और इंदौर से उज्जैन का सफर मात्र 30 मिनट में पूरा होगा। सड़क के निर्माण से क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और रियल एस्टेट निवेश में वृद्धि होगी।
सिंहस्थ 2028 के लिए बनेगा ग्रीनफील्ड फोरलेन
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार उज्जैन सिंहस्थ 2028 के आयोजन की तैयारियों में जुटी हुई है। इसी कड़ी में उज्जैन और इंदौर के बीच 48 किमी लंबा ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क निर्माण कार्य जाएगा। यह नया फोरलेन मौजूदा की उज्जैन-इंदौर रोड का वैकल्पिक मार्ग होगा। इस सड़क का निर्माण 1370 करोड़ रुपए की लागत से होगा और यह 29 गांवों से होकर गुजरेगी, जिनमें 20 गांव इंदौर जिले के और 9 गांव उज्जैन जिले के होंगे। बड़ी बात यह की ग्रीनफील्ड फोरलेन बनने से आस-पास की जमीन के दाम भी बढ़ेंगे। ग्रीन फील्ड तकनीक वाला उज्जैन-इंदौर नया फोरलेन सड़क खेतों से होकर बनाया जाएगा।
इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल मंदिर पहुंचने में लगेंगे 30 मिनट
नया हाइवे उज्जैन के सिंहस्थ बायपास से शुरू होकर इंदौर के हातोद क्षेत्र में स्थित पितृ पर्वत के पास बनाया जाएगा। नया मार्ग इंदौर एयरपोर्ट के पास से शुरू होकर सुपर कॉरिडोर से होकर चिंतामण गणेश मार्ग से चंद्रावतीगंज, अजनोद, खजूरिया, हातोद आदि प्रमुख गांवों से होते हुए सिंहस्थ बायपास बनेगा। इस नई सड़क से श्रद्धालु इंदौर एयरपोर्ट से सिर्फ 30 मिनट में बाबा महाकाल के दरबार में पहुंच सकेंगे।
MPRDC जल्द पूरा करेगा डीपीआर का काम
मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) द्वारा इस सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है, जो अगले महीने तक पूरी हो जाएगी। बताया जा रहा है कि इस नए हाइवे के निमार्ण को लेकर डीपीआर बनने का काम लगभग हो गया है। प्रशासन से मंजूर मिलने के बाद जमीनों के अधिग्रहण का काम भी शुरू हो जाएगा। जानकारी के अनुसार 4 लेन ग्रीन फील्ड सड़क बनाने के लिए 350 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन की जरूरत पड़ेगी।
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श्रद्धालुओं को होगी सुविधा, विकास को मिलेगी गति
48 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड हाइवे इंदौर और उज्जैन जिले से होकर बनेगा। इसमें 70 फीसदी क्षेत्र इंदौर का और 30 फीसद हिस्सा उज्जैन जिले में आ रहा है। MPRDC इस हाइवे का 1370 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत में करेगा। इस सड़क के निर्माण से न केवल आवागमन में सुविधा होगी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में रियल एस्टेट और अन्य निवेश भी बढ़ेंगे। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
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