Ujjain Mahakal Sawari in Kartik Month: उज्जैन के राजाधिराज भगवान महाकाल श्रावण-भादौ और दशहरा पर्व के बाद कार्तिक और अगहन मास में भी भक्तों को दर्शन देने के लिए भव्य नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान कार्तिक मास में दो सवारी और अगहन मास में भी दो सवारी (Ujjain Mahakal) आयोजित की जाएंगी।
इसके अलावा बैकुंठ चतुर्दशी पर हरिहर मिलन की सवारी के दौरान, भगवान महाकाल रात 12 बजे ठाठ-बाट से भगवान गोपाल जी से मिलने के लिए द्वारकाधीश मंदिर जाएंगे। पूजन के बाद यह सवारी देर रात महाकाल मंदिर वापस लौटेगी।
ग्वालियर पंचांग होता है लागू (Ujjain Mahakal Sawari in Kartik Month)
श्री महाकालेश्वर मंदिर में सभी पर्व और त्योहार ग्वालियर के पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं। मंदिर से निकलने वाली सवारियों का संचालन भी इसी पंचांग में निर्धारित तिथियों के अनुसार होता है।
हर साल श्रावण-भादौ मास के साथ-साथ दशहरे के अवसर पर भी फ्रीगंज तक (Ujjain Mahakal) सवारी आयोजित की जाती है। इसके अलावा कार्तिक और अगहन मास में हर सोमवार को मंदिर के आंगन से भगवान महाकाल की चार सवारी निकलती हैं। इसके साथ ही दीपावली के बाद वैकुंठ चतुर्दशी पर भी एक विशेष सवारी निकाली जाएगी।
कार्तिक और अगहन मास में सवारी का शेड्यूल
प्रथम सवारी: 4 नवंबर को
दूसरी सवारी: 11 नवंबर को
तीसरी सवारी: 18 नवंबर को
चौथी सवारी: 25 नवंबर को
ग्वालियर पंचांग के अनुसार, वैकुंठ चतुर्दशी के दिन हरिहर मिलन की सवारी 14 नवंबर को निकाली जाएगी। इस दिन भगवान महाकाल गोपाल जी से मिलने (Ujjain Mahakal) जाएंगे और रात 12 बजे महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर पहुंचेगी। इस भेंटवार्ता के दौरान मंदिर के आस-पास जोरदार आतिशबाजी के नजारे भी दिखाई देंगे।
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प्रतिपदा से तीन आरती का समय बदला
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 18 अक्टूबर, शुक्रवार को कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक भगवान महाकाल की तीन आरतियों का समय परिवर्तित रहेगा।
जानें आरतियों का नया समय (Ujjain Mahakal Sawari in Kartik Month)
द्दयोदक आरती: प्रात: 7:30 से 8:15 बजे तक
भोग आरती: प्रात: 10:30 से 11:15 बजे तक
संध्या आरती: सायं 6:30 से 7:15 बजे तक
अन्य आरतियाँ अपने निर्धारित समय पर होंगी।
भस्म आरती: प्रात: 4 से 6 बजे तक
सायंकालीन पूजन: सायं 5 से 5:45 बजे तक
शयन आरती: रात्रि 10:30 से 11 बजे तक
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