University of Southampton: हर साल बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन के लिए विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेते हैं.
एनईपी यानी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत कई विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस खोलने की परमिशन दी गई है. इस कड़ी में यूनाइटेड किंगडम में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन भारत में कैंपस खोलने वाली पहली विदेशी यूनिवर्सिटी बनने वाली है.
इस साल से शुरुआत होने की उम्मीद
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन का भारतीय कैंपस जुलाई 2025 में सुचारू रूप से शुरुआत करने की उम्मीद है.
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन के भारतीय कैंपस की शुरुआत से छात्रों को भारत में कोर्स और अध्ययन के अवसरों का विस्तार करने में लाभ होगा. साथ ही, यह अनुसंधान, ज्ञान, विज्ञान, और बिजनेस के क्षेत्र में भी फायदेमंद साबित होगा.
नया कैंपस बनेगा विश्व-स्तरीय शिक्षा का केंद्र
इससे भारत में ही टॉप 100 डिग्री प्राप्त करने के अवसर खुलेंगे. वहीं, ब्रिटिश हाई कमिश्नर टू इंडिया, लिंडी कैमरॉन ने कहा कि नया कैंपस विश्व-स्तरीय शिक्षा का केंद्र बनेगा.
इससे अधिक ब्रिटिश छात्रों को भारत में रहने और अध्ययन करने का अवसर मिलेगा. यह सहयोग शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा और हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा.
उधर, ब्रिटिश काउंसिल की निदेशक, एलिसन बैरेट एमबीई ने कहा कि यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैंपटन का भारत में कैंपस स्थापित करने का निर्णय भारत और यूके के बीच फलते-फूलते शिक्षा साझेदारी का प्रमाण है.
इन पाठ्यक्रमों की होगी पढ़ाई
जगदीश कुमार ने कहा, “साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के भारतीय परिसर में जुलाई 2025 में अपने शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू होने की उम्मीद है। पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रम व्यवसाय और प्रबंधन, कंप्यूटिंग, कानून, इंजीनियरिंग, कला और डिजाइन, जैव विज्ञान और जीवन विज्ञान पर केंद्रित विषयों में होंगे।”