New Army and Navy Chief: भारतीय सेना के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब दो क्लासमेट लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रविवार 30 जून 2024 से भारतीय थल सेना चीफ के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
इसी के साथ बचपन के क्लासमेट एडमिरल दिनेश त्रिपाठी इंडियन नेवी के चीफ होंगे। ये दोनों दोस्त मध्य प्रदेश के रीवा सैनिक स्कूल में साल 1970 के दशक की शुरुआत में 5वीं क्लास में साथ पढ़े हैं।
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मीडिया रिर्पोट की माने तो इन दोनों दोस्तों का रोल नंबर भी आसपास था। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल त्रिपाठी का रोल नंबर 938 था।
स्कूल के दिनों से ही दोनों काफी अच्छे दोस्त रहे हैं। ये दोनो दोस्त अलग फोर्स में होने के बावजूद भी हमेशा संपर्क में रहते हैं और आपस में बात करते रहते हैं।
रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, ‘दो प्रतिभाशाली छात्रों को प्रशिक्षित करने का यह दुर्लभ सम्मान, जो 50 साल बाद अपनी-अपनी सेनाओं का नेतृत्व करेंगे, मध्य प्रदेश के रीवा के सैनिक स्कूल को जाता है।’
दोनों क्लासमेटों की नियुक्तियां भी लगभग दो महीने के अंतर पर एक ही समय में हुई हैं।
एडमिरल त्रिपाठी ने 1 मई को भारतीय नौसेना की कमान संभाली थी, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी रविवार 30 जून को नया पदभार ग्रहण करेंगे।
उपेन्द्र द्विवेदी को है अच्छा अनुभव
1 जुलाई 1964 को मध्य प्रदेश में जन्म लेने वाले लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स में नियुक्त किया गया था।
उत्तरी सेना कमांडर के रूप में उनका एक लंबा कार्यकाल रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हैं।
उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू से भी पढ़ाई कर चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी थलसेना के 30वें प्रमुख होंगे।
वह जनरल मनोज पांडे का स्थान लेंगे जो 26 महीने के कार्यकाल के बाद रविवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
एडमिरल दिनेश त्रिपाठी को हैं अनुभवी
भारतीय नौसेना की कार्यकारी शाखा में दिनेश त्रिपाठी को 1 जुलाई, 1985 को नियुक्त किया गया था। त्रिपाठी ने लगभग चार दशकों तक अपनी विशिष्ट सेवा देश को दी है।
रियर एडमिरल के रूप में उन्होंने नौसेना स्टाफ के सहायक प्रमुख (नीति और योजना) और पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्य किया है।
उन्होंने वाइस एडमिरल के पद पर एझिमाला स्थित प्रतिष्ठित भारतीय नौसेना अकादमी के कमांडेंट, नौसेना परिचालन महानिदेशक, कार्मिक प्रमुख और पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य किया है।
एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, नेवल हायर कमांड-करंज और यूनाइटेड स्टेट्स नेवल वॉर कॉलेज-अमेरिका स्थित नेवल कमांड कॉलेज से अपनी पढ़ाई को पूरा किया है।
स्कूल से ही है दोनों में अच्छी बॉन्डिंग
मीडिया रिर्पोट की मानें तो स्कूल के शुरुआती दिनों से ही उनकी बॉन्डिंग मजबूत थी और अलग-अलग सेनाओं में होने के बावजूद वे हमेशा एक-दूसरे से संपर्क में रहे।
दोनों ही अफसरों को नजदीक से जानने वाले एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि सेना में सीनियर लीडरशिप के बीच नजदीकी सेनाओं के बीच कामकाजी संबंधों को मजबूत रखने में सहायक होती है। दोनों सेनाओं के बीच दोस्ती और भी गहरी होगी। इससे देश को काफी फायदा होगा।
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