Bhopal astronomical event : भोपालवासियों के लिये दोपहर में सूरज ठीक सिर के उपर था। इस कारण बड़ी इमारत, टॉवर और यहां तक की हर व्यक्ति के साया ने कुछ देर के लिये छोड़ दिया काया का साथ। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने जीरो शैडो डे की खगोलीय घटनाओं पर प्रयोग कर जानकारी दी।
सारिका घारू ने बताया कि मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर गति करता दिखता सूर्य अपने अंतिम पड़ाव के 7 दिन पहले आज भोपाल के ठीक उपर पहुंचा। इस कारण आमतौर पर तिरछी पड़़ने वाली किरणें भोपाल पर मध्यान्ह मे ठीक सीधी पड़ रही थी। इस कारण दोपहर 12 बजकर 20 मिनिट के लगभग हर वस्तु की छाया उसके आधार के नीचे होने से अलग से दिखाई नहीं दी।
सारिका ने बताया कि प्लस +23.5 एवं माईनस -23.5 अक्षांश (Latitude)के बीच रहने वालों के लिये पूरे साल में दो दिन ऐसे आते हैं जबकि सूर्य ठीक सिर के उपर होता है। इस समय किसी भी वस्तु की परछाई दिखना बंद हो जाती है। इसे जीरो शैडो डे कहते हैं। भोपाल का अक्षांश 23.2599° N है।