Turbo Ventilator: फैक्ट्रियों की छत पर क्यों लगाया जाता है यह गोल गुंबद, जानिए इसके पीछे के रोचक तथ्य

Turbo Ventilator: फैक्ट्रियों की छत पर क्यों लगाया जाता है यह गोल गुंबद, जानिए इसके पीछे के रोचक तथ्य

Turbo Ventilator

Turbo Ventilator: अगर आप इंडस्ट्रियल एरिया में रहते हैं, या आपके घर के आस पास में गोदाम है तो आपने देखा होगा कि उसके छत के उपर छोट-छोट गुंबद बने होते है। गौर से अगर आपने इसे देखा होगा तो आपने ये भी पाया होगा कि ये गुंबद हमेशा गोल घूमते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये क्या है? ज्यादातर लोग इस चीज के बारे में कम ही जानते होंगे। तो चलिए आज हम आपको इसके पीछे की कहानी बताते हैं।

क्या है इसका असली नाम

बतादें कि इस छोटे-छोटे गुबंद का असली नाम टर्बो वेंटिलेटर (Turbo Ventilator) है। हालांकि, इसे और भी कई नाम जैसे एयर वेंटिलेटर (Air Ventilator), टर्बाइन वेंटिलेटर (Turbine Ventilator) और रूफ एक्सट्रैक्टर (Roof Extractor) के नाम से भी बुलाया जाता है।

Roof Extractor
Roof Extractor

गर्म हवा को बाहर निकालना है इसका मुख्य काम

कुल मिलाकर कहें तो इसका मुख्य काम है कारखानों या बिल्डिंग के अंदर से गर्म हवा को बाहर निकालना। अब सवाल है कि इस के पंखे लागातार कैसे घूमते रहते हैं। इसके पीछे विज्ञान है। जैसा कि आप जानते हैं कि ठंडी हवा हमेशा फर्श की तरफ जाती है। यानी नीचे की ओर जाती है। वहीं गर्म हवा हमेशा छत या उपर की तरफ उठती है। जब किसी कारखाने या बिल्डिंग में गर्म हवा उपर की तरफ उठती है, तो टर्बो वेंटिलेटर के पंखे उस गर्म हवा के कारण घूमने लगते है और अंदर की गर्म हवा कमरे से बाहर निकल जाती है।

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कई जगह पर किया जाता है इसका प्रयोग

आजकल इसका प्रयोग कई जगह पर किया जाता है। जैसे- कारखाने, बिल्डिंग, रेलवे स्टेशन आदि। टर्बो वेंटिलेटर (Turbo Ventilator) के कई फायदे हैं। जैसे गर्म हवा बाहर निकल जाती है और ताजी हवा अंदर आती है। इसके अलावा कारखानों या स्टोर रूम के अंदर जो बदबू इक्ट्ठे होते हैं वो भी इससे बाहर निकल जाती है। वहीं, बरसात के दिनों में स्टोर के अंदर से नमी को बाहर करने में भी टर्बो वेंटिलेटर काम आती है।

Roof Extractor
Roof Extractor

क्या बिजली से चलता है यह वेंटिलेटर

ज्यादातर लोगों को लगता है कि यह वेंटिलेटर बिजली से चलता है। लेकिन ऐसा नहीं है। जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया कि जैसे ही गर्म हवा उपर की तरफ उठती है, तो वेंटिलेटर के टरबाइन मेंयह जमा हो जाती है और वेंटिलेटर के ब्लेड उल्टी दिशा में घूमने लगता है। इसके अलावा जैसे ही ये घूमना स्टार्ट करता है। छत के ऊपर से चलने वाली प्राकृतिक हवा इसे और तेजी से घूमाने में मदद करती है।

टर्बो वेंटिलेटर कितने रुपये का आता हैं ?

आमतौर पर टर्बो वेंटिलेटर लगभग 3 से 5 हज़ार रुपये का आता हैं। हालांकि, आपके स्थानीय बाजार में कीमत भिन्न हो सकती है।

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