Amit Josh Encounter: भिलाई के कुख्यात अपराधी अमित जोश के एनकाउंटर के बाद दुर्ग पुलिस ने पत्रकार वार्ता में इस मामले से जुड़ी जानकारी दी। पुलिस अब उन लोगों की तलाश में जुटी है जिन्होंने पिछले पांच महीनों तक अमित जोश की मदद की थी। दुर्ग पुलिस का कहना है कि पुलिस और निर्दोष लोगों पर हमला करने वाले अपराधियों का यही हश्र होगा।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में 3 SI के ट्रांसफर: रायपुर, कोरबा और दंतेवाड़ा में संभालेंगे जिम्मेदारी, देखें आदेश
पुलिस ने अमित जोश को सर्विलांस पर रखा था: एसपी
दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने एनकाउंटर की जानकारी देते हुए बताया कि इस एनकाउंटर (Amit Josh Encounter) में पुलिस ने आत्मरक्षा में करीब 16 राउंड गोलियां चलाईं। उन्होंने कहा कि अमित जोश की ओर से कितनी गोलियां चलाई गईं, इसका खुलासा फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही होगा।
एसपी ने यह भी बताया कि अमित जोश को पकड़ना काफी चुनौतीपूर्ण था, और इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा भी चर्चा की गई थी। इसके बाद दुर्ग पुलिस ने अमित जोश को सर्विलांस पर रखा। फॉरेंसिक टीम ने अब फिर से अपराध स्थल की जांच शुरू कर दी है।
एनकाउंटर के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
एनकाउंटर के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और फिर उसे परिजनों को सौंप दिया जाएगा। एसपी ने बताया कि एनकाउंटर मामले की न्यायिक जांच की जाएगी, जिसके लिए उन्होंने दुर्ग कलेक्टर को पत्र भी लिखा है।
अमित जोश की आपराधिक पृष्ठभूमि पर बात करते हुए एसपी ने कहा कि वह खुद को एक बड़ा अपराधी बताता था और अपराधों को ग्लैमराइज करने के लिए सोशल मीडिया पर अपराधी पोस्ट डालता था, ताकि लोग उसे फॉलो करें और उसकी बादशाहत बरकरार रहे। लेकिन पुलिस से बचने वाले अपराधी ज्यादा समय तक नहीं बच सकते।
15 साल की उम्र से अपराध की दुनिया में था अमित जोश
अमित जोश पर 36 मामलों के तहत आरोप थे, जिनमें पुलिस पर गोलीबारी भी शामिल है। वह 15 साल की उम्र से अपराध की दुनिया में था और लगातार अपराध करता चला गया। इसके खिलाफ 12 से ज्यादा चाकूबाजी के मामले दर्ज थे, और एक हत्या के प्रयास का भी मामला था। दुर्ग पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अब सार्वजनिक रूप से यह कहा जा रहा है कि इससे अपराधियों का मनोबल टूटेगा और वे अपना अपराध छोड़ देंगे।
यह भी पढ़ें: जगदलपुर में सड़क हादसा: ओवरलोड पिकअप को ट्रक ने मारी टक्कर, तीन मजदूरों की मौत, 13 लोग घायल