Bansal news
  • होम
  • टॉप न्यूज
  • टॉप वीडियो
  • मध्यप्रदेश
    • भोपाल
    • इंदौर
    • उज्जैन
    • ग्वालियर
    • चंबल
    • जबलपुर
    • रीवा
    • शहडोल
    • नर्मदापुरम
  • छत्तीसगढ़
    • रायपुर
    • बिलासपुर
    • दुर्ग
    • बस्तर
    • सरगुजा
    • कोरबा
    • अंबिकापुर
    • रायगढ़
    • जगदलपुर
    • भिलाई
  • उत्तर प्रदेश
    • लखनऊ
    • कानपुर
    • मेरठ
    • गौतम बुद्धनगर (नोएडा)
    • आगरा
    • मथुरा
    • अयोध्या
    • प्रयागराज
    • गोरखपुर
    • वाराणसी
    • मुरादाबाद
    • बरेली
  • अन्य राज्य
    • राजस्थान
    • महाराष्ट्र
    • दिल्ली
    • बिहार
    • पंजाब-हरियाणा
    • जम्मू-कश्मीर
    • प.बंगाल
    • गुजरात
  • देश-विदेश
  • राशिफल-शुभ मुहूर्त
    • आज का राशिफल
    • ज्योतिष
    • पंचांग-शुभ मुहूर्त
  • वेब स्टोरी
  • शॉर्ट्स
  • यूटिलिटी
  • लाइफस्टाइल
  • अन्य
    • एजुकेशन-करियर
    • करियर टिप्स
    • बजट 2025
    • जॉब्स अपडेट
    • रिजल्ट्स
    • बंसल न्यूज एक्सक्लूसिव
    • धर्म-अध्यात्म
    • बिज़नेस-फायनेंस
    • एक्सप्लेनर
    • टेक-ऑटो
    • ट्रैवल-टूर
    • चुनाव 2025
    • खेल
    • खाना-खजाना
    • विचार मंथन
    • फोटो गैलरी
    • महाकुंभ 2025
  • होम
  • टॉप न्यूज
  • टॉप वीडियो
  • मध्यप्रदेश
    • भोपाल
    • इंदौर
    • उज्जैन
    • ग्वालियर
    • चंबल
    • जबलपुर
    • रीवा
    • शहडोल
    • नर्मदापुरम
  • छत्तीसगढ़
    • रायपुर
    • बिलासपुर
    • दुर्ग
    • बस्तर
    • सरगुजा
    • कोरबा
    • अंबिकापुर
    • रायगढ़
    • जगदलपुर
    • भिलाई
  • उत्तर प्रदेश
    • लखनऊ
    • कानपुर
    • मेरठ
    • गौतम बुद्धनगर (नोएडा)
    • आगरा
    • मथुरा
    • अयोध्या
    • प्रयागराज
    • गोरखपुर
    • वाराणसी
    • मुरादाबाद
    • बरेली
  • अन्य राज्य
    • राजस्थान
    • महाराष्ट्र
    • दिल्ली
    • बिहार
    • पंजाब-हरियाणा
    • जम्मू-कश्मीर
    • प.बंगाल
    • गुजरात
  • देश-विदेश
  • राशिफल-शुभ मुहूर्त
    • आज का राशिफल
    • ज्योतिष
    • पंचांग-शुभ मुहूर्त
  • वेब स्टोरी
  • शॉर्ट्स
  • यूटिलिटी
  • लाइफस्टाइल
  • अन्य
    • एजुकेशन-करियर
    • करियर टिप्स
    • बजट 2025
    • जॉब्स अपडेट
    • रिजल्ट्स
    • बंसल न्यूज एक्सक्लूसिव
    • धर्म-अध्यात्म
    • बिज़नेस-फायनेंस
    • एक्सप्लेनर
    • टेक-ऑटो
    • ट्रैवल-टूर
    • चुनाव 2025
    • खेल
    • खाना-खजाना
    • विचार मंथन
    • फोटो गैलरी
    • महाकुंभ 2025
Bansal news
Advertisement
Home अन्य विचार मंथन

Trump White Supremacy: ट्रंप के लिए अमेरिकी वोट बैंक अहम, वैश्विक समुदाय और सामाजिक न्याय से उनका ज्यादा सरोकार नहीं

ट्रम्प की अदूरदर्शी नीतियां दुनिया में एक बार फिर नस्लवाद को उभार रही हैं। इसके परिणाम बेहद हिंसक, भयावह और विभाजनकारी हो सकते हैं।

Rahul Garhwal by Rahul Garhwal
May 23, 2025
in विचार मंथन
Trump Threatens Apple iPhone production india Tim Cook 25 percent tariff update
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

Trump White Supremacy: नस्लवाद, भेदभाव और विभाजन की अवधारणा पर आधारित श्वेत वर्चस्ववाद के इस सदी में कमजोर पड़ने के दावों को झुठलाने के लिए कोई अमेरिकी राष्ट्रपति इतना बेताब हो सकता है, इसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी। व्हाइट हाउस में ट्रम्प ने अपने समक्ष राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के सामने जब दक्षिणी अफ्रीका में गोरों पर अत्याचार का मुद्दा उठाया तो दुनिया हतप्रभ रह गई। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कुप्रचार का इस्तेमाल एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र को बदनाम करने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन ट्रम्प दक्षिण अफ्रीका के श्वेत वर्चस्ववादी संगठनों के इतने प्रभाव में है कि उन्होंने कूटनीतिक सीमाओं को लांघकर वैश्विक शक्ति होने की गरिमा को ही धूल धूसरित कर दिया। इसका अर्थ बेहद साफ है कि ट्रम्प के लिए अमेरिका में उनके राजनीतिक हित और वोट बैंक कहीं ज्यादा अहम है और वैश्विक समुदाय और सामाजिक न्याय से उनका ज्यादा सरोकार नहीं है।

दक्षिण अफ्रीका में सबसे ज्यादा जातीय विविधता

दक्षिण अफ्रीका के घरेलू श्वेत वर्चस्ववादी आंदोलन न केवल अन्य जगहों पर श्वेत वर्चस्ववादी आंदोलनों को प्रभावित करते हैं, बल्कि चरम दक्षिणपंथी वैश्विक रुझानों से भी प्रभावित होते हैं। दक्षिणपंथी चरमपंथी समूह अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से अपने विचारों को फैलाते और भर्ती करते हैं। श्वेत वर्चस्ववादी आंदोलनों में श्वेत लोगों को पीड़ित होने की भावना के रूप में चित्रित करना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। दुनिया की प्राचीनतम सभ्यताओं को प्राकृतिक और नैसर्गिक अधिकारों से सुसज्जित करने वाले देश दक्षिण अफ्रीका, लंबे समय तक काली नस्ल के लोगों के लिए कब्रगाह भी रहा है। साढ़े 6 करोड़ की आबादी वाला यह देश जातीय रूप से सबसे ज्यादा विविधताओं वाला देश है और यहां अफ्रीका के किसी भी देश से ज्यादा सफेद लोग रहते हैं।

दक्षिण अफ्रीका में सबसे ज्यादा भारत से आए लोगों की संख्या

अफ्रीकी जनजातियों के अलावा यहां कई एशियाई देशों के लोग भी हैं जिनमे सबसे ज्यादा भारत से आये लोगों की संख्या है। भारतीय मूल के लोग आबादी का केवल ढाई प्रतिशत हैं जबकि गोरी नस्ल के लोगों की संख्या 9 फीसदी है। इसी नस्ल के नेताओं ने दक्षिण अफ्रीका पर दशकों तक राज किया। सदियों तक गोरों का उत्पीड़न और अत्याचार झेलने वाले अश्वेत लोगों के सबसे बड़े प्रतिनिधि के तौर पर दक्षिण अफ्रीका की राजनीतिक पहचान रही है। दक्षिण अफ्रीका की 60 मिलियन की आबादी में से अस्सी फीसदी अश्वेत हैं। नेल्सन मंडेला की संवैधानिक कोशिशों के बाद भी गरीबी, लाचारी और बेरोजगारी से जूझने वाले अश्वेत लोग असमानता के अभिशाप से मुक्त नहीं हो सके है। विश्व बैंक ने दक्षिण अफ्रीका को दुनिया के सबसे असमान देश के रूप में वर्गीकृत किया है और नस्ल, रंगभेद की विरासत, एक लुप्त मध्यम वर्ग और अत्यधिक असमान भूमि स्वामित्व को प्रमुख रूप से सूचीबद्ध किया है। इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 10 फीसदी आबादी 80 फीसदी संपत्ति को नियंत्रित करती है। जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। यह असमानता सभी स्तरों पर है। जहां अश्वेत लोग रोजगार योग्य जनसंख्या का अस्सी फीसदी हिस्सा बनाते हैं और शीर्ष प्रबंधन नौकरियों में महज 17 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं। वहीं श्वेत लोग, जो रोजगार योग्य जनसंख्या का लगभग महज 9 फीसदी हिस्सा बनाते हैं, शीर्ष प्रबंधन नौकरियों में करीब 63 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं।

नेल्सन मंडेला पहले अश्वेत राष्ट्रपति

nelson mandela
नेल्सन मंडेला

सोलहवी, सत्रहवीं और अठारहवी सदी में डच और ब्रिटिश उपनिवेशवादियों ने दक्षिण अफ्रीका के काले लोगों को व्यवस्थित रूप से अलगाववादी कानूनों और प्रथाओं के अधीन रखा, उनका शोषण किया और गुलाम बनाए रखने के कानून लागू किए। 1994 में अश्वेत दक्षिण अफ्रीकी लोगों ने पहली बार आम चुनावों में मतदान किया और नेल्सन मंडेला देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की नींव रखने वाले कानून को 1990 के दशक की शुरुआत में निरस्त कर दिया गया था, लेकिन भेदभावपूर्ण नीति के सामाजिक और आर्थिक नतीजे 21वीं सदी में भी बने रह हुए है। गोरों के इलाके साफ-सुथरी सड़कों और अत्याधुनिक सुख-सुविधाओं के साथ नजर आते हैं। वहीं अश्वेत आबादी अब भी गंदगी और गरीबी से जूझने को मजबूर है। देश की लोकतांत्रिक सरकार ने देश में असमानता को दूर करने के लिए भूमि सुधार संबंधी कानून को बनाया तो श्वेत वर्चस्ववादी ताकतों ने इसे उत्पीड़न के तौर पर प्रचारित करके दक्षिण अफ्रीकी सरकार की परेशानियां बढ़ा दी।

बिना मुआवजा दिए भूमि जब्त करने की अनुमति

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने एक विधेयक पर हस्ताक्षर कर उसे कानून बना दिया है, जिसके तहत राज्य को बिना मुआवजा दिए भूमि जब्त करने की अनुमति होगी। काले लोगों के पास देश भर में कृषि भूमि का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही है,अधिकांश हिस्सा श्वेत अल्पसंख्यकों के पास है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि दक्षिण अफ्रीका के नए भूमि कानून से श्वेत लोगों के स्वामित्व वाले खेतों पर कब्जा हो जाएगा। अधिकांश कृषि भूमि पर श्वेत लोगों का स्वामित्व है। कुछ अफ्रीकी किसानों का मानना है कि नए अधिग्रहण अधिनियम के तहत भूमि सुधार कानूनों के कारण श्वेत लोगों के स्वामित्व वाले खेतों को जब्त किया जा सकता है। नया कानून केवल उन परिस्थितियों में बिना मुआवजे के अधिग्रहण की अनुमति देता है जहां ऐसा करना न्यायसंगत और न्यायसंगत तथा सार्वजनिक हित में हो। सिरिल रामफोसा का कहना है कि यह अधिनियम संवैधानिक रूप से अनिवार्य कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा था जो संविधान द्वारा निर्देशित न्यायसंगत और न्यायसंगत तरीके से भूमि तक जनता की पहुंच सुनिश्चित करता है। व्हाइट हाउस दक्षिण अफ्रीका में नए भूमि सुधार कानूनों का विरोध करता है, क्योंकि उनका मानना है कि ये कानून श्वेत स्वामित्व वाले खेतों पर कब्जा कर लेंगे। ये श्वेत प्रभावी जमीदार डच मूल के यूरोपीय उपनिवेशवादियों के वंशज हैं, जिन्होंने सदियों तक दक्षिण अफ्रीका पर शासन किया।

जमीन अधिग्रहण कानून

दक्षिण अफ्रीका में 9 अक्टूबर 2024 को सिरिल रामफोसा के दस्तखत के बाद जमीन अधिग्रहण कानून लागू हुआ था। इस कानून के तहत सरकार सार्वजनिक हित जैसे कि सड़क, हॉस्पिटल या फिर स्कूल बनाने के लिए बिना मुआवजे के निजी जमीन का अधिग्रहण कर सकती है। इस कानून का मकसद दक्षिण अफ्रीका के इतिहास में रंगभेद के दौरान हुए अन्याय को ठीक करना है। तब अश्वेतों से उनकी जमीनें छीन ली गई थीं और उन्हें गरीब इलाके में भेज दिया गया था। इस कानून के लागू होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और टेस्ला चीफ एलन मस्क बेहद नाराज हो गए हैं।

एलन मस्क के निशाने पर जूलियस मालेमा

julius malema
जूलियस मालेमा

ट्रम्प के शीर्ष सलाहकार, दक्षिण अफ्रीकी मूल के अरबपति एलन मस्क श्वेत वर्चस्ववादियों का नेतृत्व कर दक्षिण अफ्रीका की सरकार के सुधारवादी कोशिशों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई पड़ते है। जूलियस मालेमा जिन्हें भूमि सुधार कानूनों के एक प्रमुख समर्थक के रूप में जाना जाता है। वे भी चल रहे विवाद के हिस्से के रूप में मस्क के निशाने पर हैं। ट्रम्प प्रशासन दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर लगातार दबाव बना रहा है। ट्रंप ने अपने विदेश मंत्री मार्को रुबियो और होमलैंड सुरक्षा मंत्री को यह आदेशित करके दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है कि वे दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले अफ्रीकी लोगों के लिए मानवीय राहत को प्राथमिकता दें।

श्वेत वर्चस्ववाद एक खतरनाक विचारधारा

दक्षिण अफ्रीका में गोरों के अधिकारों को लेकर ट्रम्प जिस मुखरता से आगे बढ़े हैं, उसके पीछे उनका श्वेत वर्चस्ववादी संगठनों के प्रति समर्थन भी नजर आता है। श्वेत वर्चस्ववाद एक खतरनाक विचारधारा है जो नस्लीय घृणा, हिंसा और असमानता को बढ़ावा देती है। यह समाज में विभाजन, असहमति और संघर्ष उत्पन्न करने का काम करती है। ट्रम्प को इन संगठनों का वैश्विक समर्थन हासिल है। ट्रम्प ने कभी भी सीधे तौर पर श्वेत वर्चस्ववाद को समर्थन नहीं दिया, लेकिन उनके बयानों और नीतियों ने इन समूहों को प्रोत्साहित किया और उन्हें उनके विचारों को अधिक खुले तौर पर व्यक्त करने का माहौल दिया। ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में श्वेत वर्चस्ववादियों के हमलों को इस्लामिक स्टेट के खतरों से कहीं ज्यादा आंका गया था। अमेरिकी राष्ट्रीय चुनाव अध्ययन के पूर्व और बाद के चुनाव सर्वेक्षणों के विश्लेषण के साथ-साथ कई अन्य सर्वेक्षणों और अध्ययनों से पता चलता है कि रिपब्लिकन पार्टी में ट्रम्प के उदय के बाद से मतदाताओं की पार्टी की निष्ठा निर्धारित करने में नस्लवाद के प्रति दृष्टिकोण आर्थिक मुद्दों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण कारक बन गया है।

नस्लीय शुद्धता बनाए रखना जरूरी

श्वेत वर्चस्ववादियों का मानना है कि नस्लीय शुद्धता बनाए रखना जरूरी है और विभिन्न नस्लों के बीच मिश्रण को नकारा जाता है। यह विचारधारा नस्लीय विभाजन को बढ़ावा देती है और एक शुद्ध श्वेत समाज की परिकल्पना करती है। श्वेत वर्चस्ववादी यह भी मानते हैं कि श्वेत लोग ही सबसे उन्नत संस्कृति और सभ्यता के निर्माता हैं। इसके अनुसार, श्वेत संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जबकि अन्य संस्कृतियों को गौण माना जाता है। नेशनल सोशलिस्ट मूवमेंट, अल्टरनेटिव राइट और कू क्लक्स क्लान जैसे श्वेत वर्चस्ववादी समूहों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया का उपयोग करके अपनी विचारधारा फैलाने और युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश की है। वहीं इवेंजेलिकलिज्म मूलतः एक राजनीतिक आंदोलन है जो एक श्वेत अमेरिकी राष्ट्र को आकार देने के लिए समर्पित है। इन संगठनों ने ट्रम्प की जीत को श्वेत पुनरुत्थान के रूप में प्रचारित किया और अब ट्रम्प अपने कार्यो और नीतियों से श्वेत वर्चस्ववाद को उभार रहे हैं।

दोबारा उभर रहा नस्लवाद

racism

अफसोस तीसरी दुनिया इस खतरे को न तो देख रही है और न ही दक्षिण अफ्रीका के साथ खड़े होकर ट्रम्प की नस्लवादी राजनीति का प्रतिकार करने की कोशिश करती हुई दिखाई पड़ रही है। दुनिया में अमेरिका का महत्व अत्यधिक व्यापक और विविध है। अमेरिका न केवल एक वैश्विक शक्ति के रूप में जाना जाता है,बल्कि उसकी भूमिका राजनीति अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक प्रभाव में भी महत्वपूर्ण है। ट्रम्प की अदूरदर्शी नीतियां दुनिया में एक बार फिर नस्लवाद को उभार रही हैं। इसके परिणाम बेहद हिंसक, भयावह और विभाजनकारी हो सकते हैं।

( लेखक विदेशी मामलों के जानकार हैं )

Rahul Garhwal

Rahul Garhwal

करीब 5 साल से पत्रकारिता जगत में सक्रिय। नवभारत से शुरुआत की, स्वराज एक्सप्रेस, न्यूज वर्ल्ड और द सूत्र में भी काम किया। खबर को बेहतर से बेहतर तरीके से पाठकों तक पहुंचाने की कोशिश रहती है। खेल की खबरों में विशेष रुचि है। जो सीखा है उसे निखारना और कुछ नया सीखने का क्रम जारी है।

Next Post

Weather Safety: आंधी-तूफान के दौरान न करें ये गलतियां, वरना जा सकती है जान, जानिए जरूरी सावधानियां

Whatsapp Icon चैनल से जुड़ें

पढ़ें

देखें

  • टॉप न्यूज
  • टॉप वीडियो
  • मध्यप्रदेश
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियरर
  • चंबल
  • सागर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • शहडोल
  • नर्मदापुरम
  • छत्तीसगढ़
  • रायपुर
  • बिलासपुर
  • दुर्ग
  • बस्तर
  • सरगुजा
  • कोरबा
  • अंबिकापुर
  • रायगढ़
  • जगदलपुर
  • भिलाई
  • अन्य राज्य
  • उत्तर प्रदेश
  • राजस्थान
  • महाराष्ट्र
  • दिल्ली
  • बिहार
  • पंजाब-हरियाणा
  • जम्मू-कश्मीर
  • प.बंगाल
  • गुजरात
  • शॉर्ट्स
  • वेब स्टोरी
  • महाकुंभ 2025
  • देश-विदेश
  • राशिफल-शुभ मुहूर्त
  • आज का राशिफल
  • ज्योतिष
  • पंचांग-शुभ मुहूर्त
  • एजुकेशन-करियर
  • करियर टिप्स
  • जॉब्स अपडेट
  • रिजल्ट्स
  • यूटिलिटी
  • बंसल न्यूज एक्सक्लूसिव
  • धर्म-अध्यात्म
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस-फायनेंस
  • एक्सप्लेनर
  • टेक-ऑटो
  • ट्रैवल-टूर
  • खेल
  • खाना-खजाना
  • विचार मंथन
  • फोटो गैलरी
  • चुनाव 2024
  • बजट 2024

खोजें

Trending Topics

  • Maihar Viral Video
  • Neemuch Rishwat Case
  • Bhopal School E-rickshaw Ban
  • Sulabh Shauchalaya Rates
  • CG Pension Policy
  • CG Naxal Encounter
  • MP Education Portal
  • Uttar Pradesh Monsoon
  • CG Dhaan Kharidi
  • UP Teachers Transfer 2025
  • Weekly Horoscope 2025
  • NHAI New Rules 2025
  • Aaj ka Rashifal
  • Vakri Shani Effect
  • Weekly Horoscope 2025
  • Diet Tips

Popular Categories

  • मध्यप्रदेश
  • छत्तीसगढ़
  • उत्तर प्रदेश
  • यूटिलिटी
  • आज का राशिफल
  • ज्योतिष
  • पंचांग-शुभ मुहूर्त
  • देश-विदेश
  • भोपाल
  • इंदौर
  • जबलपुर
  • ग्वालियर
  • रायपुर
  • बिलासपुर
  • दुर्ग
  • लखनऊ

Latest News

  • मुजफ्फरनगर: दिव्यांग पति को पीठ पर बैठाकर 150 किमी की कांवड़ यात्रा पर निकली पत्नी
  • भूपेश के बेटे को हवाला के जरिए मिले पैसे: चैतन्य बघेल ने कई राज्यों में किया इन्वेस्ट, इन सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी
  • MP Weather Update: MP के 15 जिलों में बारिश का अलर्ट, सतना, मऊगंज और रीवा में स्कूलों की छुट्‌टी
  • मध्यप्रदेश NSUI में बड़ा फेरबदल: अंकित डेढ़ा-साहिल शर्मा बने नए प्रभारी, महावीर गुर्जर, रितू बराला को हटाया
  • Business Idea: इस नए बिजनेस से लाखों में होगी कमाई, बस करना होगा ये काम! जानें कैसे करें शुरूआत?
  • छत्तीसगढ़ के कई जिलों में आज होगी भारी बारिश: बस्तर से लेकर सरगुजा तक अलर्ट जारी, जानें आपके जिले में कैसा रहेगा मौसम?
  • Weekly Horoscope 2025: सिंह वाले रहें सतर्क, कन्या को धन लाभ के योग, तुला-वृश्चिक का साप्ताहिक राशिफल
  • Herbal Tea for Immunity: मानसून में सेहत का रामबाण इलाज, मानसून में इम्यूनिटी बढ़ाएंगी ये हर्बल चाय
  • Uttar Pradesh Monsoon: मानसून के बीच मौसम ने लिया यू-टर्न, पारा 4.7 डिग्री उछला, जानें आने वाले दिनों का पूर्वानुमान!
  • MP Heavy Rain Alert: मध्यप्रदेश में आज 14 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, शिवपुरी में स्कूलों में छुट्‌टी
  • india vs england womens 2nd odi: भारत-इंग्लैंड विमेंस के बीच दूसरा वनडे, ड्रीम11 टीम में किसे बनाएं कैप्टन-वाइस कैप्टन
  • आज का इतिहास : 1827 – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत मंगल पांडे का जन्‍म।
  • Latest Updates: छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेताओं से बात करेंगे PM मोदी, मानसून सत्र की तैयारी के लिए I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक
  • MP Talent Search: प्रतिभाशाली खिलाड़ी तलाशने हर दिन होगा टैलेंट सर्च, ‘मिनी ब्राजील’ में खुलेगा फुटबॉल फीडर सेंटर
  • CG Pension Policy Updated: छत्तीसगढ़ में खत्म हुई पुरानी पेंशन योजना, 1 अगस्त से कर्मचारियों को मिलेगा नया विकल्प, जानें
  • Maihar Viral Video: मैहर के मां शारदा मंदिर में आतंकी हमला ? क्या वाकई ऐसा हुआ है, जानें वायरल वीडियो की पूरी सच्चाई

    Quick Links

    • About Us
    • Advertise with us
    • News Letter
    • Contact us
    • Terms & Conditions
    • Privacy Policy
    • Grievance Redressal Policy
    • Sitemap

    Download Our App

    Categories

    • टॉप न्यूज
    • टॉप वीडियो
    • मध्यप्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • उत्तर प्रदेश
    • अन्य राज्य
    • एजुकेशन-करियर
    • देश-विदेश
    • राशिफल-शुभ मुहूर्त
    • वेब स्टोरी
    • शॉर्ट्स
    • यूटिलिटी
    • लाइफस्टाइल
    • करियर टिप्स

    News Letter & Social Media

    Social Media
    • facebook-logo
    • insta-logo
    • twitter-logo
    • linkdin-logo
    • youtube-logo
    @2025-2026 बंसल ग्रुप द्वारा सर्वाधिकार सुरक्षित।
    • होम
    • टॉप न्यूज
    • टॉप वीडियो
    • मध्यप्रदेश
      • भोपाल
      • इंदौर
      • उज्जैन
      • ग्वालियर
      • चंबल
      • जबलपुर
      • रीवा
      • शहडोल
      • नर्मदापुरम
    • छत्तीसगढ़
      • रायपुर
      • बिलासपुर
      • दुर्ग
      • बस्तर
      • सरगुजा
      • कोरबा
      • अंबिकापुर
      • रायगढ़
      • जगदलपुर
      • भिलाई
    • उत्तर प्रदेश
      • लखनऊ
      • कानपुर
      • मेरठ
      • गौतम बुद्धनगर (नोएडा)
      • आगरा
      • मथुरा
      • अयोध्या
      • प्रयागराज
      • गोरखपुर
      • वाराणसी
      • मुरादाबाद
      • बरेली
    • अन्य राज्य
      • राजस्थान
      • महाराष्ट्र
      • दिल्ली
      • बिहार
      • पंजाब-हरियाणा
      • जम्मू-कश्मीर
      • प.बंगाल
      • गुजरात
    • देश-विदेश
    • राशिफल-शुभ मुहूर्त
      • आज का राशिफल
      • ज्योतिष
      • पंचांग-शुभ मुहूर्त
    • वेब स्टोरी
    • शॉर्ट्स
    • यूटिलिटी
    • लाइफस्टाइल
    • अन्य
      • एजुकेशन-करियर
      • करियर टिप्स
      • बजट 2025
      • जॉब्स अपडेट
      • रिजल्ट्स
      • बंसल न्यूज एक्सक्लूसिव
      • धर्म-अध्यात्म
      • बिज़नेस-फायनेंस
      • एक्सप्लेनर
      • टेक-ऑटो
      • ट्रैवल-टूर
      • चुनाव 2025
      • खेल
      • खाना-खजाना
      • विचार मंथन
      • फोटो गैलरी
      • महाकुंभ 2025

    © 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.