टोक्यो। रवि दहिया ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे पहलवान बन गए जिन्होंने 57 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को हराया । चौथी वरीयता प्राप्त भारतीय 2-9 से पीछे था लेकिन दहिया ने वापसी करते हुए अपने विरोधी के दोनों पैरों पर हमला किया और उसके गिरने से जीतने में कामयाब रहे । इससे पहले सुशील कुमार ने 2012 लंदन ओलंपिक में फाइनल में जगह बनाकर रजत पदक जीता था।
दहिया ने इससे पहले दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते थे। के डी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था । उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया । सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने कांस्य जीतकर बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था । वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था। इससे पहले भारतीय खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलंपिक में पदक अपने नाम किए हैं।
भारत के नाम इतने मैडल
भारत की स्टार बेडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू (PV Sindhu) ने ओलंपिक के 10वें दिन ब्रॉन्ज मेडल (PV Sindhu won Bronze Madel) जीतकर इतिहास रच दिया है। भारत को सिंधू ने दूसरा मेडल दिलाया है। सिंधू ने चीन की बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया है। इस जीत के बाद सिंधू ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। सिंधू की जीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी ट्वीट कर बधाई दी है।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, “पीवी सिंधु की ओर से शानदार प्रदर्शन से हम सभी उत्साहित हैं। कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई। वे भारत का गौरव हैं और हमारे सबसे उत्कृष्ट ओलंपियनों में से एक हैं।” वहीं भारत को पहला मेडल दिलाने वाली मीराबाई चानू ने भी शानदार शुरुआत दिलाई थी। मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने भारोत्तलन में भारत को रजत (Mirabai Chanu Won Silver Madel) पदक दिलाया था। चानू ने ओलिंपिक खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक का भारत का 21 साल का सूखा मिटा दिया है। ,साथ ही चानू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया। अब रवि दहिया से भी पदक की उम्मीदें लगाई जा रही हैं।