बदलेगी तारीख…बदलेगा साल…पर क्या बदलेगा सियासत का सूरते हाल. जी हां मौका नए साल का है. तो बात भी नई होगी. वैसे तो सियासत वो शय है जो हर पल रंग बदलती है…वक्त के हिसाब से मुद्दे और बयान भी बदलते हैं. नया साल अपने साथ सियासी दलों के लिए चुनौतियां भी लेकर आ रहा है. पहले बात करते हैं कांग्रेस की चुनौतियों की.