क्या कांग्रेस में कन्फ्यूजन है. क्या इंदौर में शहर अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष को लेकर कांग्रेस दो फाड़ हो रही है. ये सवाल सियासी गलियारों में जोर शोर से गला फाड़ रहे हैं. इन सवालों के बीच याद आता है शोले फिल्म का डायलॉग. इतना सन्नाटा क्यों है भाई. कांग्रेस में सन्नाटा नहीं आवाजें गूंज रही हैं. शोर ही शोर सुनाई दे रहा है. कहीं विरोध का शोर. कहीं बगावत की आवाज.