Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी के लड्डू के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने का मुद्दा गर्मा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4 कंपनियों के घी के सैंपल मंगाए। जांच में एक कंपनी का घी जांच में फेल हो गया। इस कंपनी के घी में मिलावट है। सरकार ने उस कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
तिरुपति मंदिर का शुद्धिकरण
तिरुपति बालाजी मंदिर की शुद्धि के लिए महाशांति यज्ञ किया गया। सुबह 6 से 10 बजे तक चले पंचगव्य प्रोक्षण (शुद्धिकरण) में तिरुमाला देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी समेत 20 पुजारी शामिल हुए थे। अनुष्ठान में लड्डू और अन्नप्रसादम रसोई की शुद्धि की गई।
अब मंदिर पूरी तरह शुद्ध
तिरुपति बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारियों में से एक कृष्ण शेषाचल दीक्षितुलु ने बताया कि सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई कि मंदिर को शुद्ध करने के लिए क्या किया जाए। इसलिए हम शांति होम करने के प्रस्ताव के साथ प्रबंधन के पास गए। सुबह 6 बजे हम सभी भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद और अनुमति लेने के लिए गर्भगृह में गए। अब सब कुछ शुद्ध हो गया है, मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि उन्हें अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। भगवान बालाजी के दर्शन करें और प्रसाद घर ले जाएं।
विश्व हिंदू परिषद की बैठक
श्री ललिता पीठम में विश्व हिंदू परिषद की बैठक हुई। VHP ने सुप्रीम कोर्ट से तिरुपति लड्डू में मिलावट के आरोपों पर एक्शन लेने और दोषियों की पहचान के लिए जांच करने की अपील की है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उन्होंने प्रसादम में एनिमल फैट के इस्तेमाल के खिलाफ कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की। वहीं राज्यसभा सदस्य और देवस्थानम (TDP) के पूर्व अध्यक्ष वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने भी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली समिति से केस की जांच की मांग की है।
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VHP ने क्या कहा ?
विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि इस घटना (Tirupati Laddu Controversy) ने दुनियाभर में श्री बालाजी के करोड़ों भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, क्योंकि लड्डू प्रसादम आस्था और दिव्य आशीर्वाद के रूप में माना और खाया जाता है। लड्डू में मिलावट के आरोपों ने भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के भक्तों का घोर अपमान किया है। इस मामले में लापरवाही और देरी की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि ऐसा होने पर हिंदू समुदाय राष्ट्रव्यापी आंदोलन कर सकता है।
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