नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों ने देशभर में चलाए जा रहे अभियान के तहत अबतक 4,900 से अधिक जाली जीएसटी पंजीकरण रद्द किए हैं। इसके अलावा अभियान में ऐसे 17,000 जीएसटीआईएन की पहचान की गई है, जो मौजूद नहीं हैं।
एक वरिष्ठ कर अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। अभी जीएसटी के तहत करीब 1.40 करोड़ कंपनियां या कारोबार पंजीकृत हैं। जीएसटी लागू होने से पहले पुरानी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में यह संख्या आधी थी।
69600 से अधिक जीएसटी पहचान
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य शशांक प्रिय ने कहा कि फर्जी पंजीकरण के खिलाफ अभियान में चार जुलाई तक फील्ड अधिकारियों ने 69,600 से अधिक जीएसटी पहचान संख्या (जीएसटीआईएन) को भौतिक सत्यापन के लिए चुना है। इनमें से 59,000 से अधिक जीएसटीआईएन सत्यापित किए जा चुके हैं और 16,989 मौजूद नहीं हैं।
इन 69,600 जीएसटीआईएन में से 11,000 से अधिक जीएसटीआईएन निलंबित कर दिए गए हैं और 4,972 पंजीकरण रद्द किए गए हैं।
1,506 करोड़ रुपये का इनपुट कर क्रेडिट किया गया ब्लॉक
प्रिय ने उद्योग मंडल एसोचैम के जीएसटी राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि इन मामलों में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता चला है, करीब 1,506 करोड़ रुपये का इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) ब्लॉक किया गया है और 87 करोड़ रुपये के कर की वसूली हुई है।
16 मई से 15 जुलाई तक चलेगा अभियान
जीएसटी के तहत फर्जी पंजीकरण पर अंकुश लगाने के लिए 16 मई से शुरू हुआ दो माह का विशेष अभियान 15 जुलाई को समाप्त होगा। जीएसटी के तहत फर्जी पंजीकरण एक बड़ा जोखिम है, क्योंकि धोखाधड़ी करने वाले लोग जाली बिल या इन्वॉयस जारी कर गलत तरीके से आईटीसी हासिल कर लेते हैं और सरकार को चूना लगाते हैं।
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