पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर आए सियासी संकट के चलते उन्हें अपना पद कार्यकाल से पहले छोड़ना पड़ा। हालांकि इमरान ने अपने पद को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो सके। लेकिन पाकिस्तान की राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी कई प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास में अबतक 22 प्रधानमंत्री बन चुके है। लेकिन ऐसा कोई भी प्रधानमंत्री नहीं रहा जिसने अपना पूरा कार्यकाल पूरा किया हों।
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लियाकत अली पहले पाक पीएम
आजादी के बाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली बने। लियाकत अली खान ने 14 अगस्त 1947 को पीएम पद की शपथ ली। लेकिन 16 अक्टूबर 1951 में लियाकत अली खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 1951 में ख्वाजा नजीमुद्दीन पाकिस्तान के दूसरे प्रधानमंत्री चुने गए। लेकिन वह ही अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और 17 अप्रैल 1953 को उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद देश के तीसरे पीएम 17 अप्रैल 1953 को मोहम्मद अली बोगरा बने। लेकिन उन्हें 1955 में गवर्नर जनरल ने पद से हटा दिया। उसके बाद चौधरी मोहम्मद अली ने पाकिस्तान की कमान संभाली। लेकिन उन्हें भी एक साल बाद अपना पद छोड़ना पड़ा। कुल मिलकार साल 1948 से 1958 तक सात प्रधानमंत्रियों ने देश की कमान संभाली लेकिन कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका।
1958 से 1971 तक सैन्य शासन
सात प्रधानमंत्रियों के बाद साल 1958 से 1971 तक पाकिस्तान में सैन्य शासन रहा। इसके बाद साल 1971 में नूरुल इस्लाम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने लेकिन नूरूल केवल 13 दिन तक ही देश के प्रधानमंत्री रहें। इसके बाद साल 1973 में जुल्फीकार अली भुट्टो जो देश के राष्ट्रपति थे वह राष्ट्रपति पद छोड़कर पाकिस्तान के 9वें प्रधानमंत्री बने। लेकिन उनकी सरकार भी 4 साल में ही गिर गई और सत्ता जनरल जिया के हाथ में आ गई। इसके बाद मुहम्मद खान जुनेजो को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया। लेकिन वो भी तीन साल तक ही पीएम पद संभाल पाए।
1988 में बनी पहली महिला पीएम
1988 में बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पहली महिली प्रधानमंत्री बनीं, लेकिन एक साल, 8 महीने तक ही वह सत्ता में रही। इसके बाद 1990 में नवाज शरीफ ने देश की कमान संभाली और देश के 12वें प्रधानमंत्री बने, लेकिन राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान ने उनकी सरकार को भंग कर दिया। इसके बाद फिर देश की कमान बेनजीर भुट्टो के हाथ में आई लेकिन नवंबर 1996 में राष्ट्रपति फारूक लेघारी ने बेनजीर को सत्ता से बेदखल कर दिया। इसके बाद नवाज शरीफ ने एक बार फिर सत्ता में वापसी की, लेकिन जनरल परवेज मुशरफ ने उनकी सरकार को उखाड़ फेंका और सैन्य कानून लागू कर दिया। इसके बाद साल 2002 में मीर जफरुल्ला खान जमाली पाकिस्तान के 15वें प्रधानमंत्री बने, लेकिन जून 2004 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पाकिस्तानी संसद ने चौधरी सुजात सुहैत को प्रधानमंत्री चुना, लेकिन वह 57 दिन तक ही इस कुर्सी पर रहे। 2004 में शौकत अजीज देश के 17वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, लेकिन उनका कार्यकाल भी तीन साल, ढाई महीने करीब चला।
गिलानी रहे अधिक समय पीएम की कुर्सी पर
2008 के चुनावों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को बहुमत मिला और यूसुफ रजा गिलानी पाकिस्तान के 18वें प्रधानमंत्री बने. उनका कार्यकाल चार साल 3 महीने चला, लेकिन साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें संसद में उनके पद से डिस्क्वालिफाई कर दिया। गिलानी पाकिस्तान के इतिहास में सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर रहे। गिलानी के बाद राजा परवेज अशरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने। परवेज अशरफ ने करीब 9 महीने देश की सत्ता चलाई। जून 2013 में नवाज शरीफ एक बार फिर चुनाव जीतने के बाद सत्ता में लौटे, लेकिन पनामा पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 में उन्हें इस पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। उनका करीब 4 साल, 2 महीने के कार्यकाल का अंत हुआ। इसके बाद शाहिद खकान अब्बासी को सत्ता मिली और 300 दिन से अधिक समय तक वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे। साल 2018 के चुनाव में इमरान खान की पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई और इमरान खान देश के 22वें प्रधानमंत्री बने।